बालिकाएं, महिलाएं अपने अधिकारों को समझें, जागरूकता बहुत जरूरी
राजकीय कन्या इण्टर में संचेतना गोष्ठी के माध्यम से बालिकाओं को किया गया जागरूक
सामाजिक सोच बदलते हुए बालिकाओं की सुरक्षा हेतु बेहतर इंतजाम किए जाने चाहिए*
अखिलेश श्रीवास्तव
लखनऊ।एटा शहर के राजकीय कन्या इण्टर कालेज प्रांगण में बालिका सुरक्षा जागरूकता कबच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डीएम सुखलाल भारती ने कार्यक्रम का विधिवित मां सरस्वती के चित्र पर मार्ल्यापण, दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया, तदोपरान्त सभी आगन्तुक अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। डीएम ने इस दौरान जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में महिलाएं प्रगति कर रही हैं, समाज में महिलाओं को उचित वरीयता दी जानी चाहिए, उनको स्वावलम्बी बनाने हेतु भी हर संभव प्रयास किया जाए। महिलाएं, बालिकाएं अपने अधिकारियों को समझें, इसके लिए उनका जागरूक होना अतिआवश्यक है।
डीएम सुखलाल भारती ने कहा कि* आज के वैज्ञानिक युग में बालिकाओं द्वारा इण्टरनेट का सदुपयोग किया जाए, यदि कहीं बालिकाएं जाती हैं तो घर पर सूचना अवश्य देकर जाएं। बालिकाएं अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए हौसला बनाए रखें, उचित समय पर अपने भविष्य को संवारने हेतु निर्णय लें, कि आगे क्या करना है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी हैल्पलाईन नम्बरों 181, यूपी 100, 1090, 1098 का समय-समय पर सदुपयोग किया जाए। डीएम सहित अन्य अधिकारियों ने विद्यालय प्रांगण में बालिकाओं के साथ वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी प्रतिभाग करते हुए वृक्षारोपण किया, साथ ही बालिकाओं से कम से कम 5 पेड़ लगाने की अपील की। डीएम ने इस दौरान नेहा गौतम, दीक्षा राजपूत, कंचन सागर को सम्मानित भी किया।
एडीएम प्रशासन केपी सिंह ने बताया कि* 9 अगस्त को जिले में वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा, इस दौरान 18 लाख से अधिक पौधे रोपित किए जाएंगे। बालिकाओं द्वारा असुरिक्षत एप का प्रयोग कदापि न किया जाए। बालिकाओं द्वारा इस दौरान कॉलेज प्रांगण में अधिकारियों के समक्ष विभिन्न प्रकार के ताइक्वाण्डो करतब दिखाए।
इस अवसर पर एएसडीए अबुल कलाम, प्राचार्य डायट मनोज गिरि, डीआईओएस एमपी सिंह, बीएसए संजय कुमार शुक्ल, एडीआईओएस कृपाशंकर, क्रीड़ाधिकारी सिराजुद्दीन, एबीएसए भारती शाक्य, बाल संरक्षण अधिकारी सुखवीर सिंह, राजकीय कन्या इण्टर कालेज की प्रधानाचार्य सहित समस्त स्टाफ, सैकड़ां की संख्या में छात्राएं आदि मौजूद रहे।