हिण्डाल्को महान ने मनाया विश्व मानव तस्करी जागरुकता दिवस
बरगवां।हिण्डालको महान व सिंगरौली पुलिस ने संयुक्त तत्वाधान मे विश्व मानव तस्करी जागरुकता दिवस मनाया गया।बताते चले कि हिण्डालको महान परियोजना प्रमुख रतन सोमानी के दिशानिर्देशन , मानव संसाधन प्रमुख विश्वनाथ मुखर्जी के नेतृत्व तथा बरगवां थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय के मार्गर्दशन में ग्राम बरगवां अन्तर्गत महारानी लक्ष्मीबाई विद्यालय में विश्व मानव तस्करी जागरुकता दिवस का आयोजन हुआ। वर्ष 2013 से संयुक्त राष्ट्र के निर्देशन में हर वर्ष 30 जुलाई को पूरे विश्व में विश्व मानव तस्करी जागरुकता दिवस के रुप में मनाया जाता है। मुख्य अतिथि ने कहा कि इस दिवस को मनाने के पीछे मानव अधिकारो की रक्षा व कई देश में मानव मुख्य तस्करी व दास प्रथा जैसे सामाजिक कुरुतियो व अपराधो से मुक्त कराना है। सिंगरौली जिले में आये दिन लड़कियो एवं बच्चो की अपहरण होने की खबरे आती रहती है, ज्यादातर इस तरह की घटनाये आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से सुनने को मिलती है और इस क्षेत्र में भी मानव तस्कर सिंडीकेट के कई सक्रिय सदस्य यहां पर मौजूद हैं। हिण्डालको सी0एस0आर0 विभाग अपने निगमित सामाजिक दायित्व के तहत अपनी जिम्मेदारियो को समझते हुये विश्व मानव तस्करी जागरुकता दिवस का आयोजन किया जिसमें हिण्डालको सी0एस0आर0 विभाग से यसवंत कुमार व उनकी टीम से धीरेन्द्र तिवारी, बीरेन्द्र पाण्डेय व सौरव शामिल हुये वही बरगवां थाने से उप-निरिक्षक उपेन्द्रमणी शर्मा व महिला आरक्षक संध्या धुर्वे शामिल हुई। कार्यक्रम का संचालन करते हुये बीरेन्द्र पाण्डेय ने विश्व स्तर पर इस मानव तस्करी से सम्बन्धित रुलाने वाले आकड़े प्रस्तुत किये। उन्होने बताया की भारत विश्व में मानव तस्करी के लिये बदनाम हो रहा है। भारत में हर आठ मिनट में एक बच्चा लापता हो जाता है। गलोबल सिटीजन ट्रस्ट के रिर्पोट के अनुसार मानव तस्करी का 35 सौ करोड रुपये़ का व्यापार है। वही कार्यक्रम में सी0एस0आर0 प्रमुख यसवंत कुमार ने बच्चो को अनजान व्यक्तियो से दूर रहने और मोबाइल के बढ़ते प्रयोग पर चिन्ता जाहिर की और कहा की ‘‘मोबाइल इज गुड़ फ्रेन्ड बट बैड एनिमी‘‘ आज ज्यादातर लड़के-लड़कियां मोबाइल में अनजान लोगो से दोस्ती कर लेते है और बिना जाने पहचाने इस मानव तस्कर गिरोह के चक्कर में आ जाते है। इसलिये जरुरत है सावधान व जागरुक रहने की। वही बरगवां थाना के उप-निरिक्षक उपेन्द्रमणी शर्मा ने अपने उद्बोधन में अपहरणकर्ताओ के चंगुल से बचने के तरीके समझाये व पुलिस विभाग व अन्य सहायता केन्द्रो के हेल्पलाइन नम्बरो से अवगत कराया और आस-पास के अपहरण की घटनाओ व परिणामो से अवगत कराया। भारत में मानव तस्करी के खिलाफ पीटा एक्ट लागू है किन्तु इस एक्ट की खामियो का फायदा उठाकर मानव तस्कर पुलिस की गिरफ्त से छुट जाते है। इन बच्चो को कुछ अवैध फ्रेक्ट्रीयां में बाल मजदूरी के रुप में व घरेलू नौकरो के रुप में काम कराया जाता है, कुछ गिरोह द्वारा भीख मंगवाने व मानव अंगो को निकालकर इसका व्यापार किया जाता है। इस चुभने वाले सत्य को स्वीकार कर दे के नौ निहालो को इन गिरोहो से बचाना होगा साथ ही प्रबुध्द समाज को आगे आना होगा और इस गिरोह के खिलाफ पुलिस के साथ मिलकर इस गिरोह के कारनामो से मुक्त कराना होगा। वही कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के संचालक सुील शुक्ला ने अपने विद्यालय में इस तरह के जागरुकता कार्यक्रम के संचालन के लिये पुलिस विभाग व हिण्डालको सी0एस0आर0 विभाग का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया।