सुप्रीम कोर्ट ने रोक के बावजूद प्रदेश में अवैध बजरी खनन पर सीएस, एसीएस खान व डीजीपी को अवमानना नोटिस जारी

जयपुर।सुप्रीम कोर्ट ने रोक के बावजूद प्रदेश में अवैध बजरी खनन पर सीएस, एसीएस खान व डीजीपी को अवमानना नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की खंडपीठ ने सोमवार को ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को केन्द्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय से पर्यावरण स्वीकृति लिए बिना अदालत के पूर्व आदेश से 82 एलओआई होल्डर द्वारा किए जा रहे बजरी खनन पर रोक लगाई थी। इसके बाद प्रदेश में अवैध तरीके से बजरी का खनन बढ़ा है। कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बजरी के अवैध खनन पर रोक लगाई थी, लेकिन बजरी का अवैध खनन डेढ़ गुना तक बढ़ गया है।

इस अवैध खनन में खान विभाग व पुलिस महकमा भी शामिल है। इसलिए देश में अवैध बजरी खनन रोका जाए। जिस कारण प्रदेश में बजरी के अवैध खनन पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं लग पाई है। इसलिए प्रदेश में बजरी के अवैध खनन को रोका जाए। अदालत ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के सीएस सहित अन्य अफसरों को मामले में जवाब देने के लिए कहा।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर 2017 को एलओआई होल्डर द्वारा किए जा रहे खनन पर रोक लगा दी थी। वहीं सीएस को कहा था कि वे प्रदेश में नदियों का सर्वे करवाकर इसकी अध्ययन रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि नदियों में कितनी नई बजरी आ रही है और कितनी निकाली जा रही है।

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