ग्रांउड ब्रेकिंग सेरेमनी-2  में सबसे ज्यादा परियोजनाएं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में हैं।

लखनऊ।ग्रांउड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 में सबसे ज्यादा परियोजनाएं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में हैं। यह अलग बात है कि सबसे ज्यादा निवेश का सेक्टर इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग ही है।

असल में खाद्य प्रसंस्करण सबसे ज्यादा संभावनाओं वाला क्षेत्र है। इसमें सबसे ज्यादा 59 कंपनियां अपने उद्योग लगाने जा रही हैं। इनकी परियोजनाओं की कुल लागत 5122 करोड़ रुपये है। इनके जरिए प्रदेश में फल सब्जी से जुड़े विविध उत्पादों के लिए छोटी छोटी यूनिट का जाल बिछेगा। रकम के लिहाज से यह भले ही अपेक्षाकृत कम हो, लेकिन यहां उत्पादन सबसे पहले शुरू होगा। सुकून की बात यह है कि खाद्य प्रसंस्करण कंपनियां का दायरा मध्य यूपी, पूर्वांचल व बुंदेलखंड में भी है। ऐसे में इन दोनों सेक्टर से उत्पादन, रोजगार व निवेश के लिहाज से काफी उम्मीदें हैं।

पिछले साल जुलाई में हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी के जरिए 60 हजार करोड़ की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ था। इस बार निवेश तो 65 हजार करोड़ का होना है लेकिन कंपिनयों की तादाद 292 हो गई है। इसका कारण थोड़ा थोड़ा निवेश करने वाली कंपनियों को ज्यादा मौका दिया गया है। खास बात यह है कि 30 हजार करोड़ के निवेश वाली परियोजनाओं में उत्पादन शिलान्यास के तीन महीने में शुरू हो जाएगा। पिछली बार की 81 परियोजनाओं में 35 में तो उत्पादन चालू हो चुका है। बाकी में उत्पादन शुरू होने से पहले के काम किया जा रहा है।
कहां कितना निवेश
सेक्टर निवेश कंपनियों की राशि की तादाद
बायो फ्यूल 1657 06
इलेक्ट्रानिक्स 19951 33
मैन्यूफैक्चरिंग
खाद्य प्रसंस्करण 5122 59
हेल्थकेयर 1100 01
आतिथ्य 1159 37
हाउसिंग 6402 17
इंफ्रास्ट्रक्चर 7747 14
आईटी 3112 20
निर्माण 4921 56
फार्मा 500 02
पावर 871 01
रिन्यूवेएबल एनर्जी 10630 32
टेक्सटाइल 1286 12
65000 292

निवेश के लिहाज से टॉप टेन
वीवो मोबाइल 7429 करोड रुपये़, टोरेंट गैस सर्विस 2751 करोड़, सैमसंग 2000 करोड़, सनलाइट फ्यूल प्राइवेट लिमिटेड 1550 करोड़, एनटीपीसी नोएडा 1225 करोड़, जीसी इंटरनेशनल 1200 करोड़, मेदांता अस्पताल 1100 करोड़, हायर इंडिया करोड़ 1017 करोड़। एसएस टेक्नोपार्क, अजूर पावर व एबीए ग्रुप एक-एक हजार करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास कराएंगी।

निवेश परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया है। कानून व्यवस्था ऐसी है कि उद्यमी बेहिचक यूपी में निवेश के लिए आ रहे हैं। -राजेश कुमार सिंह, प्रमुख सचिव, औद्योगिक विकास विभाग उत्तर प्रदेश

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