बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को निर्दलीय विधायक आर. शंकर समेत कांग्रेस के दो बागी विधायकरमेश एल.जे. और महेश कुमाथली को अयोग्य घोषित किया। बागी विधायकों ने एचडी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लिया था। स्पीकर को कांग्रेस और जेडी(एस) के बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेना है।
कुमार ने कहा- मैं इस मामले में किसी फैसले पर पहुंचने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करूंगा ताकि सुप्रीम कोर्ट ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया है, वह कायम रहे।बागी विधायकों के मेरे पास आने की समयसीमा खत्म हो चुकी है। कानून सभी के लिए बराबर है। फिर वो मजदूर हो या फिर भारत का राष्ट्रपति।
स्पीकर ने कहा- विधायकों को बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए
उन्होंने कहा- हां, कोर्ट ने इस्तीफे पर किसी भी निर्णय को मेरे विवेक पर छोड़ा है। मैं अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करूंगा। मैंने विधायकों को बुलाया था। मगर वे नहीं आए। उनके वकील मेरे पास आए। उन्होंने वही कहा जो वे लोग करना चाहते थे।यह चैप्टर बंद हो चुका है।
31 जुलाई से पहले पेश होना है फाइनेंस बिल
इससे पहले भाजपा नेताओं का एक दल बुधवार को स्पीकर से मिला था। इसका मकसद फाइनेंस बिल पर चर्चा करना था, जिसे 31 जुलाई से पहले पेश किया जाना है। कर्नाटक विधानसभा में 15 बागी विधायकों ने एचडी कुमारस्वामी सरकार से अपना समर्थन वापस लिया। स्पीकर को उनके भविष्य पर निर्णय लेना है कि इस्तीफा स्वीकार किया जाए या फिर उन्हें अयोग्य करार दिया जाए।
ऐसे बढ़ गई सरकार की मुश्किलें
चार दिन चली चर्चा के बाद 23 जुलाई कीशाम को कुमारस्वामी सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई थी। विश्वास मत के दौरान स्पीकर कोहटाकर सदन में विधायकों की संख्या 204 थी। बहुमत के लिए 103 का आंकड़ा जरूरी था। कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99 वोटपड़े, जबकि विरोध में 105 वोट पड़े। कुमारस्वामी 14 महीने से 116 विधायकों के साथ सरकार चला रहे थे, लेकिन इसी महीने 15विधायक बागी हो गए। यहीं से सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं।