एक साल बाद भी नही दूर की गई कमियां, सौ बेड का महिला अस्पताल बदहाल
भदोही।महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर संचालन के लिए करोड़ो की लागत से बनाया गया सौ बेड का महिला अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है। अस्पताल के निर्माण कार्यो से जुड़ी खामियां सामने आने के लगभग साल भर बाद भी कमियां दूर किये जाने का कोई प्रयास नही किया गया। स्वास्थ्य विभाग के सुस्ती का आलम यह है कि खामियों के पता लगने के आठ माह बाद कमियों को दुरुस्त करने के लिए परियोजना प्रबंधक को पत्र लिखा गया है।
अस्पताल शुरू न होने से गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए निजी अस्पतालों के शरण में जाना पड़ा था। गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के साथ बेहतर इलाज के लिए एमबीएस अस्पताल में सौ बेड महिला मैटर्निटी विंग का निर्माण किया गया। अस्पताल को पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाया जाना है। वाराणसी के हेरिटेज अस्पताल इसके संचालन के लिए आगे आया था। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अक्टूबर 2018 माह में तत्कालीन सीएमओ एके सिंह और हेरिटेज के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ने अस्पताल का निरीक्षण किया लेकिन इस दौरान निर्माण कार्य मे वाटर हार्वेस्टिंग, ड्रैनेज सिस्टम, एंबुलेंस पोर्च, फायर फाइटिंग, बिजली वायरिंग के साथ कई कमियां सामने आई। हेरिटेज ने उन कमियों के पूरा होने के बाद ही अस्पताल संचालन की शर्त रखी। इसके कुछ दिनों बाद ही सीएमओ डॉ सतीश सिंह का स्थानांतर हो गया और यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी।
दस माह से अधिक समय हो जाने के बाद अस्पताल की छोटी छोटी कमियों को पूरा नही किया जा सका है जिसके कारण अस्पताल के संचालन पर ग्रहण लगा हुआ है। दो माह पहले एमबीएस अस्पताल के सीएमएस ने परियोजना प्रबंधक को पत्र लिख कमियों से अवगत कराया लेकिन अभी तक कमियों को दूर करने के लिए कोई काम शुरू नही हो सका है जिससे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बने इस प्रोजेक्ट को झटका लगता दिखाई दे रहा है।