घूंघट हटा तो 2500 महिलाओं ने सूरज की रोशनी से छह लाख घरों को रोशन किया

राजस्थान

जयपुर (अनुराग बसिड़ा)।राजस्थान के अलवर, अजमेर, धौलपुर के 6 लाख घरों में रहने वाले 35 लाख लोगों की जिंदगी बदल गई है। इन घरों में अब चूल्हों का धुंआ नहीं फैलता, केरोसीन के लैम्प की कालिख नहीं दिखती। 2500 सोलर सहेलियों को इसका श्रेय जाता है। इन्होंने 7 लाख से ज्यादा सोलर ऊर्जा से चलने वाले चूल्हे, लैम्प, टॉर्च, होम लाइटिंग उपकरण और स्ट्रीट लाइट इन क्षेत्रों में पहुंचाए हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी गोगला के मुताबिक इससे करीब 9.50 लाख टन कार्बन उत्सर्जन रोकने में मदद मिली है। यह पहल अप्रवासी अजेता शाह ने 8 साल पहले की थी। 2017 में हुई ग्लोबल इनोवेशन समिट में इनका स्टार्टअप श्रेष्ठ चुना गया था। समिट में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की बेटी इवांका ट्रम्प भी शामिल हुई थी।

अजेता बताती हैं कि गांव की महिलाएं चहारदीवारी से बाहर आईं, उन्होंने परिवार की आर्थिक स्थिति तो सुधारी ही पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी योगदान दिया। उन्होंने बताया कि हम इन सोलर सहेलियों को मुफ्त डीलरशिप देते हैं। इससे उन्हें शुरुआत में खर्च नहीं करनाा पड़ता। सोलर चूल्हे, लैम्प, टॉर्च और आरओ पर उन्हें 15% छूट दी जाती है। महिलाओं को उत्पाद लेने के लिए शहर नहीं आना पड़ता। इससे भी उन्हें बचत हो जााती है। अजेता के मुताबिक इस साल के आखिर तक प्रोजेक्ट यूपी, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में भी शुरू करने जा रहे हैं, ताकि वहां की ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकें।

5000 गांवों में रिसर्च करने के बाद प्रोजेक्ट शुरू किया

न्यूयॉर्क में पली-बढ़ीं भारतीय मूल की अजेता शाह 2005 में भारत आईं। इस दौरान कई राज्यों में बिजली की कमी दिखी। 5000 गांवों में रिसर्च करने के बाद 2011 में अजेता ने फ्रंटियर मार्केट्स कंपनी खोली। ग्रामीण महिलाओं को सोलर सहेली के रूप में इससे जोड़ना शुरू किया। इस पहल के लिए पिछले साल ही उन्हें नीति आयोग ने वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड्स से नवाजा था।

महिलाएं गांव वालों को बेहतर तरीके से बताती हैं फायदे

प्रोजेक्ट में सिर्फ महिलाओं को इसलिए जोड़ा गया, क्योंकि वो ग्रामीणों को सोलर उत्पादों के फायदे बेहतर ढंग से बताती हैं। केसरोली गांव की मिशकिना के मुताबिक वो पहले घर से नहीं निकलती थीं, अब चौपाल पर लोगों को सोलर वस्तुओं का महत्व बताती हैं। हर माह उन्हें 5 हजार रुपए कमाई होने लगी है। जल्दी ही ये महिलाएं ईकॉमर्स कंपनियों की तर्ज पर अन्य उत्पाद भी बेचने लगेंगी।

Translate »