आईएएस की बेटी का इस जमीन पर हर्बल खेती करवाने का सपना अधर में पड़ा

मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान सहित 24 गिरफ्तार

सोनभद्र। उम्भा गांव में बुधवार दोपहर हुए खूनी संघर्ष के बिहार प्रान्त के रहने वाले बंगाल कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी प्रभात कुमार मिश्रा का नाम सामने आ रहा है। आईएएस ने यहां आदिवासियों के कब्जे में रही 90 बीघा जमीन को कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम करा लिया था। उस समय तहसीलदार के पास नामांतरण का अधिकार नहीं था, लिहाजा नाम नहीं चढ़ सका। इसके बाद सात सितंबर 1989 को आईएएस ने अपनी पत्नी व बेटी के नाम जमीन करवा ली।सूत्रों को माने तो आईएएस की बेटी इस जमीन पर हर्बल खेती करवाना चाहती थी। लेकिन जमीन पर कब्जा न मिलने की वजह से उसका प्लान फेल हो गया।नियम है कि, सोसाइटी की जमीन किसी व्यक्ति के नाम नहीं हो सकती। इसके बाद आइएएस ने विवादित जमीन में से काफी बीघा जमीन मूर्तिया गांव के प्रधान यज्ञदत्त सिंह भूरिया को औने पौने दाम पर बेच दी। हालांकि जमीन पर आदिवासियों का कब्जा आज भी बरकरार रहा। लेकिन पटना से आईएएस का एक शख्स जिसका नाम धीरज बताया जा रहा है, वह हर साल प्रति बीघे लगान भी वसूलने आता था।

प्रधान ने जमीन पर कब्जा के लिये ट्रकों से लेकर आया सैकड़ो हमलावर

बताते चले कि बुधवार को प्रधान यज्ञदत्त दर्जनों ट्रैक्टर ट्राली व ट्रकों में भरकर करीब 150 लोगों को लेकर घोरावल थाना इलाके उम्भा गांव पहुंचा। इन लोगों के पास लाठी डंडा,गंड़ासे व अवैध तमंचे थे। प्रधान ट्रैक्टरों से खेत की जबरन जुताई करवाने लगा। यह देख ग्रामीणों ने विरोध किया तो प्रधान के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस दौरान हमलावरों ने सामने आने वाले ग्रामीणों को गंड़ासे से काट डाला। करीब सैकड़ो राउंड फायरिंग हुई। फायरिंग में गोली लगने व गंड़ासे से घायल ग्रामीणों की लाशें खेत में चारो तरफ गिरती चली गईं।लोगों का कहना है कि, ओबरा-आदिवासी बहुल जनपद में सदियों से आदिवासियों के जोत को तमाम नियमों के आधार पर नजरअंदाज किया जाता रहा है। सर्वे होने के बाद अधिकारियों की संवेदनहीनता उन्हें भूमिहीन बनाती रही है। इलाके में रसूखदार लोग इस तरह की काफी जमीनों पर अवैध तरीके से काबिज हैं।

सीएम के फरमान के आगे अधिकारी काफी हद तक अलर्ट दिखे

सोनभद्र। सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा 24 घण्टे के अंदर मामले की जांच कर कार्यवाई करने के आदेश के बाद पुलिस विभाग समेत सारे अधिकारी अलर्ट पर हैं ,आज सुबह डीआईजी मिर्जापुर मंडल ने जिला अस्पताल का दौरा किया, और वहां पर भर्ती मरीजों से हालचाल जाना।साथ ही पोस्टमार्टम हाउस जाकर गोलीकांड में हुए मृत 10 शवों को तत्काल पीएम कराने के लिए संबंधितो को निर्देशित किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटील समेत पुलिस विभाग के तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही डीआईजी ने नर संघार में मुख्य आरोपी मूर्तियां के ग्राम प्रधान के भाई जो घायल अवस्था में जिला अस्पताल में एडमिट है ,से वार्ता किया और पूरी घटनाक्रम के बारे में उसे जानकारी लिया। इस दौरान ग्राम प्रधान के भाई ने बताया कि डीआईजी महोदय आए थे ,और घटना की जानकारी ले रहे थे मेरे द्वारा जमीन 2 साल पूर्व बैनामा करा लिया गया था, जिस पर हम लोग वर्षों से काबिज थे ।उसी खेत पर खेती करने के लिए जा रहे थे ,इसी दौरान घटना घटी, जिस में घायल हो गए।

गोलीकांड वारदात के बाद से ही फरार चल रहे प्रधान गिरफ्तार

इस खूनी में संघर्ष में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी तक मामले में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ।एसएसपी सलमान ताज पाटिल के मुताबिक मामले में 27 लोगो के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। देर शाम घोरावल कोतवाली के उम्भा में 17 जुलाई को हुए नरसंहार के मामले का फरार मुख्य अरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भुर्तिया (गुर्जर) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ।

पुलिस अधीक्षक सोनभद्र ने कहा

पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटील ने बताया कि यह पूरी घटना बहुत दुखद है, इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई है जबकि 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं।तत्काल कार्यवाही करते हुए 27 लोगो पर नामजद मुकदमा दर्ज हुआ

जबकि 50 से अधिक अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है।साथ ही कल 12 लोगो को गिरफ्तार किया गया था और आज 12 लोगो को गिरफ्तार किया गया है,कुल 27 नामजद में से 24 लोगो को गिरफ्तार किया जा चुका है।जिसमे मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त समेत सभी गिरफ्तार किए जा चुके है।अभी गांव में स्थिति सामान्य है। वही गोली कांड के बाद सियासत तेज हो गई है,और कांग्रेस समेत सभी दलों के नेता बारी-बारी से अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हाल जा रहे हैं, और सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे हैं ।

मुआवजे के ऐलान पर हुआ अंतिम संस्कार
मृतकों के परिवार वालों ने सुबह शव लेने से इंकार कर दिया था। सपा समेत कई दलों ने इस कांड के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। जिला प्रशासन ने समझा बुझाकर पीड़ित परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए मनाया। मृतकों के परिवार को दस बीघा जमीन व घायलों के परिवार को पांच बीघा जमीन दी जाएगी। मुख्यमंत्री की तरफ से पांच लाख व किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रूपए मुआवजा दिया जाएगा।

सोनांचल बना अफसरों के काली कमाई का हब

आइएएस पीसीएस अन्य राजस्व एवं बन विभाग के अफसरों ने अपने रिश्तेदारो के माध्यम से अपनी काली कमाई का निवेश करने के लिए सोनांचल को हब बना लिया है। सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने अपने परिवार वालों के नाम से काफी जमीन खरीदकर फार्म हाउस, होटल, खनन से लेकर खेती तक के प्रोजेक्ट डाल दिए हैं। जिन जमीनों पर कभी आदिवासियों का अधिकार था, उसको राजस्व कर्मचारियों की साठगांठ से अपने नाम करवा लिया। पिछले एक दशक से जमीन पर कब्जे को लेकर जंग की कई घटनाएं सोनभद्र के साथ मिर्जापुर के पहाड़ी इलाकों में हो चुकी है।अगर सोनभद्र में जमीनों का रिकार्ड खंगाला जाय तो सर्वे सेटलमेंट में बाहर से आये अधिकांश लोगो को मनमाने तरीके से रसूख दरों को जमीन उपलब्ध कराई गई।इतना ही नही आप को जानकर आश्चर्य होगा यहाँ 100 रुपये के स्टाम्प पर होती है लाखो करोड़ो की भूमि।बाद में अमली जामा पहनाने के लिये सरकारी अफसर तो है ही।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

इसी क्रम में विधान सभा मे कांग्रेस विधान मंडल के नेता अजय कुमार लल्लू ने जिला अस्पताल का दौरा कर घायलो का हाल जाना।इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।इस पूरे घटना कर्म की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग भी किया। साथ ही सीबीआई जांच कराने की मांग किया,और मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआबजा देने की मांग भी किया। इसके साथ ही आदिवासियों को पट्टा दिया जाय।

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