सोनभद्र में गोली काण्ड एवं सम्भल में तीन कैदियों को छुड़ाने
लखनऊ दिनांकः 18.07.2019।
आज (दिनांक 18 जुलाई, 2019 को) विधानसभा में प्रातः 09ः30 बजे समाजवादी पार्टी के विधानसभा तथा विधान परिषद सदस्यों द्वारा सोनभद्र में गोली काण्ड एवं सम्भल में तीन कैदियों को छुड़ाने के लिए दो पुलिस कर्मियों की हत्या, प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मोहम्मद आजम खां पर फर्जी मुकदमें लगाकर उनका उत्पीड़न किये जाने, समाजवादी कार्यकर्ताओं पर फर्जी केस लगाने तथा महंगाई आदि मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन में मुख्य रूप से नेता विरोधी दल विधानसभा सर्वश्री रामगोविन्द चौधरी नेता विधान परिषद अहमद हसन, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बलराम यादव, मनोज कुमार पाण्डेय, शैलेन्द्र यादव ललई, नरेन्द्र वर्मा, दुर्गा प्रसाद यादव, आलमबदी, रामसुन्दर निषाद, डाॅ0 राजपाल कश्यप, श्रीमती रमा निरंजन, असीम यादव, हाजी इकराम कुरैशी, रफीक अंसारी, संजय गर्ग, आनन्द भदौरिया, अरविन्द कुमार सिंह, ओंकार यादव, रामजतन राजभर, सुनील सिंह ‘साजन‘, संजय लाठर, राकेश प्रताप सिंह, उदयवीर सिंह, जगजीवन प्रसाद, जितेन्द्र यादव, नफीस अहमद, सुभाष पासी, लीलावती कुशवाहा, राजेश यादव, वासुदेव यादव, संतोष यादव ‘सनी‘ नईमुल हसन, परवेज अली, नवाब जान, नाहिद हसन, फहीम तथा तसलीम अहमद आदि शामिल थे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव का यह कथन सत्य साबित हुआ कि वे चुनाव में जो कहते थे, वही आज उत्तर प्रदेश में हो रहा है। जनता पुलिस को ठोक रही है और पुलिस जनता को ठोक रही है। यह अपराधियों के आगे नतमस्तक सरकार है।
समाजवादी पार्टी का संकल्प है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सदन से सड़क तक भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ समाजवादी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा।
प्रदर्शन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में अपराधिक घटनाओं की बाढ़ आ गई हैं, सोनभद्र में 10 आदिवासियों की निर्मम हत्या की गई। राजधानी लखनऊ सहित विभिन्न जनपदों में रोज हत्या, लूट, अपहरण की घटनाएं हो रही है। महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की शर्मनाक घटनाएं हो रही है।
भाजपा सरकार में सत्ता का दुरूपयोग, किसानों, नौजवानों का उत्पीड़न, रोजगार का संकट, फर्जी एनकाउण्टर, व्यापारियों की लूट तथा हत्या, विकास अवरूद्ध है। भाजपा सरकार में समाजवादी कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमें लगाए जा रहे हैं। उनकी हत्याएं हो रही हैं। धरना-प्रदर्शन में मांग की गई कि राज्य सरकार अपनी जनविरोधी नीतियां बंद करें।