हिण्डालकों महान मझिगवां के 550 बच्चो को किया निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण

मेधावी छात्रो को दिये गये आर्थिक प्रोत्साहन राशि दी

सिगरौली।हिण्डालको महान परियोजना प्रमुख रतन सोमानी के दिशा निर्देशान में एवं मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी के मार्गर्दान व सीएसआर प्रमुख यसवंत कुमार के नेतृत्व में विस्थापित कालोनी मझिगवां के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में हिण्डालकों महान के सीएसआर विभाग द्वारा पाठ्य पुस्तक वितरण व मेधावी छात्र सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजन किया । जिसमें कक्षा 1 से 10 तक के 550 बालक एवं बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तके प्रदान किये गये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परियोजना प्रमुख रतन सोमानी, मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी, सी एस आर प्रमुख यसवंत कुमार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि रूप विद्यालय के प्राचार्य हरीलाल द्विवेदी एवं सी एसआर टीम से विजय वैश्य धीरेन्द्र तिवारी, बीरेन्द्र पाण्डेय व सौरव देव उपस्थित रहें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रतन सोमानी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की । विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओ द्वारा मां सरस्वती अर्चना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। विद्यालय के प्राचार्य हरीलाल द्विवेदी ने विद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की साथ ही विद्यालय के सात ऐसे बच्चो के बारे में बताया की जिन्होने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 80 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किये है, और दो छात्रो ने 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किये है। ऐसे मेधावी छात्रो को हिण्डालको महान परियोजना के

प्रमुख रतन सोमानी, मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी ने सम्मानित कर आर्थिक प्रोत्साहन राशि प्रदान की साथ ही उन मेधावी बच्चो से उनके सफलता के राज भी पूछे और छात्रो ने अपनी सफलता के राज अपने मित्र-साथियो को मंच पर आकर बताया। परियोजना प्रमुख ने अपने उद्बोधन में सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य एवं अध्यापकों की सराहना करते हुए कहा की शिक्षा के स्तर को और सुधारने में आप सभी िक्षकों का अहम योगदान है। इसके लिये हम आपके आभारी है, साथ ही बच्चो को मेधावी छात्रो से सिख लेने की नसीहत दी। और हिण्डालको सीएसआर के द्वारा विद्यालय में अच्छे पठन-पाठन सें संबंधित हर गतविधियों में मदद की जायेगी जिससे विद्यालय शिक्षा, खेलकूद एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में भी नित नई ऊंचाईयों के स्तर पर पहुचे। वही कार्यक्रम को सफल बनाने में भोला वैश्य, प्रभाकर व संजीव वैश्य के साथ-साथ विद्यालय के अध्यापकों का सराहनीय योगदान रहा।

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