बागपत।उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मौलाना पर कथित रूप से जय श्री राम के नारे के नाम पर पिटाई के मामले पर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस द्वारा की गई जाँच में स्पष्ट रूप से सामने आया है कि न तो मौलाना की दाढ़ी खींची गयी और न ही जय श्री राम का नारा लगवाया गया. सीओ अनुज चौधरी ने बताया कि ‘जब मौलाना की पिटाई हुई तो इसकी सूचना मौलाना द्वारा मुजफ्फरनगर के पुलिस अधिकरियो को दी गई.।जिसमें मौलाना ने कहा था कि 10 से ज्यादा लोगों ने ये उस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाकर उसकी पिटाई की है. जिसके बाद सीओ बुढ़ाना ने मामला बागपत का बताकर उन्हें बागपत भेज दिया. बागपत में थाना दौघट पुलिस के सामने मौलाना ने बयान बदल दिए और कहा कि जय श्री राम का नारा न लगाने पर पिटाई की गई है’।
पुलिस के अनुसार मौलाना पर मुकदमा दर्ज किया गया है. सीओ के मुताबिक पहले मौलाना ने छेड़छाड़ की बात कहकर पिटाई की बात कही थी. हालांकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था और जाँच में मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र नगवा गाँव के युवको के पिटाई में शामिल होने बात सामने आई थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दरअसल, बागपत में मौलवी इमलाक-उर-रहमान के अनुसार वह शनिवार को अपनी मोटरसाइकिल से अपने गांव जा रहा था. तभी कुछ युवाओं के एक समूह ने उसे रोका और उसके साथ मारपीट की। उन्होंने उसकी दाढ़ी खींची और उसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा. उन्होंने मौलवी से कहा कि गांव में प्रवेश करने से पहले उसे अपनी दाढ़ी कटवानी होगी।जिसके बाद पुलिस की जांच में सामने आया है कि मौलाना ने झूठा आरोप लगाया है. इस मामले में 4 व्यक्तियों क्रांति सिंह, आदित्य शुक्ला, कमल और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब मजहबी जूनून में जय श्री राम को लेकर अफवाह फैलाई गयी हो. उन्नाव में क्रिकेट खेलने के दौरान छात्रों की आपसे में मारपीट को जबरन ‘जय श्री राम’ से जोड़कर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दिया गया था. इससे पहले कानपुर को मदरसा छात्र ने ओवरटेक को लेकर हुए विवाद को जय श्री राम से जोड़कर बताया था। जिसके बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने खूब बवाल मचाया था. वहीँ जाँच रिपोर्ट में ओवरटेक को लेकर हुए विवाद की बात निकलकर सामने आयी थी. ऐसी ही कुछ घटनाएँ अलीगढ़ और कुछ दूसरे जगहों से आयीं थीं. जिनमें मजहबी जूनून के चलते घटनाओं को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी।