सीएमओ की जांच में खुली सरकारी अस्पताल मंझगावा की पोल

जांच मे मिले मझंगावा के कर्मचारी अनुपास्थित,जहा सबका वेतन रोक मागां गया स्पष्द्रीकरण

सीएमओ धीरेन्द्र कुमार द्वारा पूरी रिपोर्ट

जिलाधिकारी, अपर निदेशक स्वास्थ्य, मंडलायुक्त तथा विभाग के आला अधिकारियो को भेज दिया गया है।

देवरिया।देवरिया जनपद मुख्य चिकित्सा अधिकारी धीरेन्द्र कुमार की जांच में सरकारी अस्पताल और प्राइवेट सेंटरों के सांठ-गांठ की पोल खुल गयी। सरकारी डाक्टर के कक्ष में सैकड़ो की संख्या में पैथालाजी, अल्ट्रा साउंड व एक्सरे सेंटरों का कार्ड मिला। कमीशन की मोटी रकम के चक्कर में अस्पताल आने वाले अधिकांश मरीजों को जांच कराने को इन सेंटरों पर भेजा जाता था। जांच में अस्पताल में जगह-जगह गंदगी और झाले मिले।
सरकारी अस्पतालों में बैठने वाले डाक्टर मरीजों की जगह प्राईवेट पैथालाजी, अल्ट्रा साउंड व एक्सरे सेंटरों को लाभ पहुंचा रहे हैं। इसका खुलासा मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.धीरेन्द्र कुमार के औचक निरिक्षण जांच में हुआ। वह आफिस के लिपिक अरूण शाही के साथ 8.10 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगांवा का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। उपस्थिति पंजिका की जांच में वार्ड ब्वाय रामनिवास गोड़, बीएचडब्लू पन्ना देवी, राकेश शर्मा, अरविंद सिंह, निर्मला पाण्डेय, स्टाफ नर्स मीना, स्वीपर सीमा, एएनएम बबिता राय, अनिता गुप्ता, फार्मासिस्ट शब्बीर अहमद, डा. श्रीषचन्द, डा.कार्तिकेय सिंह, फार्मासिस्ट संजय कुमार एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा.मारकंडेय प्रसाद अनुपस्थित पाये गये।
जांच में पता चला कि प्रभारी चिकित्साधिकारी उपस्थिति पंजिका अपने कक्ष की आलमारी में ताला बंद कर रखते हैं। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा.मारकंडेय प्रसाद के मेज पर सैकड़ो की संख्या में प्राइवेट पैथालाजी, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे सेंटर के विजिटिंग कार्ड देख सीएमओ भी दंग रह गये। उन्हे जानकारी मिली कि कमीशन के चक्कर में अस्पताल आने वाले अधिकांश मरीजो को जरूरी न होने पर भी इन सेंटरों पर जांच कराने को भेजा जाता है। जांच में सरकारी अस्पताल के डाक्टर और प्राइवेट सेंटरों के सांठ-गांठ से मरीजों का शोषण करने का खुलासा हुआ। डाक्टरों कक्ष, कर्मचारियों के बैठने का कक्ष तथा शौचालय में गंदगी पायी गयी। प्रभारी के कक्ष की ट्यूबलाइट और कर्सियां टूटी थी और खिड़कियों पर जाली भी नहीं लगा था। ईटीसी में भी गंदगी मिली। रोगी कल्याण समिति का धन स्थानान्तरित करने के बाद भी प्रभारी द्वारा साफ-सफाई नहीं कराया गया था। सीएमओ ने अनुपस्थित तिथि का सभी के वेतन भुगतान पर रोक लगाने के साथ ही स्पष्टीकरण तथा रोगी कल्याण समिति को मिले धन के खर्च का बिल, बाउचर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जहा सरकारी अस्पताल में तैनात डाक्टर द्वारा मरीजों को अल्ट्रा साउंड व एक्सरे आदि की जांच के लिए प्राइवेट सेंटरों पर भेजे जाने की बात सामने आई है। यह काफी गंभीर मामला है। इसकी पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी, अपर निदेशक स्वास्थ्य, मंडलायुक्त तथा विभाग के आला अधिकारियो को भेज दिया गया है। डाक्टर के खिलाफ इस मामले में शासन स्तर से ही कार्यवाही की जाएगी।

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