लोकसभा चुनाव में हार के बाद ये पहला मौका था जब आरजेडी के सभी बड़े नेता एक मंच पर जुटे थे. सभी हार के कारणों को लेकर अपने विचार सार्वजनिक तौर पर रख रहे थे
पटना।
आरजेडी के 23वें स्थापना दिवस पर कई रंग देखने को मिले. वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की. तो कुछ ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए विवादित बयान तक दे डाला. रघुवंश प्रसाद सिंह ने तो यहां तक कह डाला कि अगर योजनाओं का लाभ गरीबों को नही मिले तो ब्लॉक में आग लगा देना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद ये पहला मौका था जब पार्टी के सभी बड़े नेता एक मंच पर जुटे थे. सभी हार के कारणों को लेकर अपने विचार सार्वजनिक तौर पर रख रहे थे. कार्यक्रम में मौजूद रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी पार्टी की वर्तमान स्थिति को लेकर राबड़ी देवी की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे को जमकर कोसा. रघुवंश प्रसाद ने सबसे पहले स्थापना दिवस को सामूहिक रुप से नहीं मनाये जाने के बदले प्रखंड स्तर पर मनाये जाने के फैसले को गलत करार दिया. वहीं दूसरी तरफ खुद की ओर से चुनाव के ठीक एक वर्ष पहले संघर्ष के मुद्दों पर पार्टी को दिये गये सुझावों पर अमल नहीं करने पर आपत्ति भी जताई।
रघुवंश प्रसाद ने कहा कि उनके दिए गए संघर्ष के मुद्दों को रघुवंश प्रसाद का मुद्दा बताकर पार्टी ने उस पर अमल नहीं किया. पार्टी ये सोच रही थी कि सिर्फ बैकवर्ड फॉरवर्ड के जरिये चुनाव में जीत हो जाएगी. नतीजा सबके सामने है. अपने भाषण के दौरान रुघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी के कार्यकर्ताओं को नए सिरे से संघर्ष के लिए तैयार होने की सलाह भी दी. लेकिन इसी दौरान विवादित बयान देते हुए रघुवंश प्रसाद ने कहा कि अगर गरीबों की आवाज नहीं सुनी जाती है तो हम ब्लाक में आग लगा सकते हैं।
इधर कार्यक्रम में मौजूद पार्टी के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने भी माना कि पार्टी ने समर्पित कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी. आलोक मेहता ने कहा कि बीजेपी ने हमारे ही कार्यकर्ताओं को पन्ना प्रमुख बनाकर चुनाव में सफलता हासिल कर ली. आलोक मेहता ने इसारों ही इसारों में तेज ब्रदर्श पर भी निशाना साधा. आलोक मेहता ने कहा कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ये समझना होगा कि अगर उनके कोई काम नहीं हो रहा है तो वो अपने दूसरे सहयोगी को मौका दें ताकि पार्टी को मजबूत किया जा सके. पार्टी मे कई जगहों पर फोड़ा फुंसी हो चुका है जिसे खत्म करने के लिए अगर हमें कडवा चिरायता भी पीना पड़े तो हम पीने के लिए तैयार रहें।
वही पार्टी के सीनियर लीडर अब्दुलबारी शिद्दीकि ने भी पार्टी की कमियों पर समीक्षा करने की सलाह दी है. शिद्दीकि ने कहा है कि सार्वजनिक रूप से नही लेकिन पार्टी की कमियों पर समीक्षा जरूर होनी चाहिए. ताकि पार्टी को मजबूत किया जा सके. पार्टी में युवाओं की एंट्री हुई है. लेकिन युवा हमारे संघर्ष के इतिहास को नहीं जानते हैं. इसलिए विरोधियों के चंगुल में फंस जाते हैं. युवाओ को हमारे संघर्ष के इतिहास को बताना होगा।
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