दिल्ली ।चुनाव में बीजेपी और एनडीए को मिली बड़ी सफलता के बाद अब सारी नजरें केंद्रीय बजट 2019 पर टिकीं हुई हैं। हर वर्ग ने इस बजट से उम्मीद लगा रखी है, सभी को आस है कि सरकार आर्थिक सुधारों की दिशा में आगे बढ़ेगी, अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए उसके पास पांच साल का समय है। बजट को लेकर आम आदमी की अपेक्षाओं के बारे में सरकार विचार कर सकती है।
टैक्स की दरों में हो सकता है, बदलाव
2014 से बेसिक एक्जेम्प्शन लिमिट यानी टैक्स छूट की सीमा नहीं बदली है। यह 2.5 लाख रुपये है, यह और बात है कि 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया था, लेकिन, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के स्लैब में टैक्स उछलकर 20 फीसदी हो जाता है। सरकार इस कैटेगरी में आने वालों के लिए टैक्स स्लैब को थोड़ा तर्कसंगत बना सकती है। वह बेसिक एक्जेम्प्शन लिमिट में भी बढ़ोतरी कर सकती है।
टैक्स बेनिफिट की सीमा बढ़े
सेक्शन 80सी के तहत टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट के लिए डिडक्शन की सीमा 2014 में बढ़ी थी, सरकार ने इसे बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया था। इसके दायरे में मुख्य रूप से डेट इंस्ट्रूमेंट आते हैं, इस लिमिट को बढ़ाकर कम से कम 2 लाख रुपये करना चाहिए, इससे लोगों को बचत करने में मदद मिलेगी। वे इस बचत को निवेश विकल्पों में लगा सकेंगे, अर्थव्यवस्था को भी इसका फायदा मिलेगा।
अलाउंस की रकम बढ़ाने की दरकार दो साल पहले सरकार ने मेडिकल और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को हटा दिया था। सरकार को चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस और हॉस्टल अलाउंल को भी देखने की जरूरत है। अभी चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस 100 रुपये और हॉस्टल अलाउंस 300 रुपये महीना है। इनकी शुरुआत होने से इन्हें कभी बदला नहीं गया है।
सरकार लीव ट्रेवल अलाउंस पर सालाना एक्जेम्प्शन देने पर भी विचार कर सकती है। हाउस रेंट अलाउंस बढ़ाई जाए मौजूदा प्रावधानों के अनुसार दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में रहने वाले कर्मचारी एचआरए के लिए ज्यादा डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
हकीकत यह है कि हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद, नोएडा और गुड़गांव जैसे शहरों में रहना भी इन चार महानगरों जितना ही खर्चीला है। पिछले कुछ वर्षों में इन शहरों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं, इसके चलते बड़ी आबादी ने इनकी ओर रुख करना शुरू किया है, अधिक किराये के कारण सरकार इन शहरों में रहने वालों को भी ज्यादा एचआरए छूट देने पर विचार कर सकती है।
होम लोन इंटरेस्ट के लिए बढ़े डिडक्शन
होम लोन इंटरेस्ट के लिए डिडक्शन 2014 में बढ़ा था, सरकार ने इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया था। सरकार 2022 तक ‘सभी को आवास’ देना चाहती है, ऐसे में इस सीमा को बढ़ाकर कम से कम 2.5 लाख रुपये किया जा सकता है।