दिल्ली।आगामी बजट में सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को सार्थक राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान करने की संभावना कम है क्योंकि देश की राजकोषीय स्थिति कमजोर है। यह बात बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कही गई। कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में राजस्व प्राप्त में भारी कमी के चलते पैदा हुई राजकोषीय चुनौतियों के कारण करों में कटौती की संभावना कम है, जिस पर निवेशकों की निगाहें होंगी।
ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि सरकार को कारोबारी सुगमता (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) में सुधार और कारोबार में सरकार की भूमिका कम करके भारत की निवेश दर को बढ़ाने के लिए बजट में दुष्कर सुधारों को लागू करना होगा।
कोटक सिक्योरिटीज ने रिपोर्ट में कहा, “विश्वसनीय बजट पेश करने के मकसद से सरकार को वित्त वर्ष 2020 के अंतरिम बजट के कर राजस्व अनुमानों को दोबारा देखने की आवश्यकता होगी। हमारा अनुमान है कि सरकार वित्त वर्ष 2019 के वास्तविक कर संग्रह के आधार पर वित्त वर्ष 2020 के लिए कर राजस्व का लक्ष्य तय करेगी।”
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ग्रामीण व्यय में वृद्धि को तवज्जो दे रही है जोकि एफएमसीजी कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत है क्योंकि ग्रामीण उपभोग इंडिया इंक की आय में वृद्धि के लिए अहम होता है। सिगरेट पर कर में कम वृद्धि आईटीसी के लिए सकारात्मक हो सकता है।
कोटक ने कहा कि रेलवे, राजमार्ग और शहरी बुनियादी ढांचों पर खर्च के लिए अधिक आवंटन की उम्मीद है। साथ ही, आवासीय परियोजनाओं पर कर के माध्यम से सस्ते आवास के क्षेत्र को बढ़ावा देना गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए सकारात्मक कदम होगा।
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