पीएम मोदी के क्षेत्र में सीएम योगी का आदेश दरकिनार, प्राइमरी स्कूल के बच्चों से लगवाया गया झाडू-पोछा

फोटो हुई वायरल

सीएम ने पांच दिन पहले ही साफ-सफाई के लिए स्कूल खोलने का दिया था निर्देश

डीआईओएस, बीएसए ने प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को बुलाया था स्कूल
फिर भी छात्र-छात्राओं को ही लगाया गया सफाई के लिए

वाराणसी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के प्राइमरी स्कूलों में पहले ही दिन छात्र-छात्राओं को लगा दिया गया झाडू-पोछा में। कहां तो ये बच्चे गए थे कि स्कूल जा कर कुछ पढाई-लिखाई करेंगे पर उन्हें सफाई में भिड़ा दिया गया। अब बच्चे करते भी क्या मन मसोस कर एक-एक कमरे की सफाई की।
बता दें कि ये हाल तब है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच दिन पहले ही सारे स्कूल खोलने का निर्देश दिया था। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि पहली जुलाई को जब स्कूल खुल तो वातावरण स्वस्थ हो। स्कूल परिसर साफ-सुथरा हो, पेयज की मुकम्मल व्यवस्था हो। सीएम के निर्देश के बाद रातों-रात ह्वाट्सएप के जरिए डीआईओएस व बीएसए ने सभी प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी थी। बावजूद इसके साफ-सफाई का काम बच्चों से ही कराया गया।

शहर के प्राथमिक विद्यालय पिशाचमोचन और कबीरचौरा में पूरे समय बच्‍चे साफ-सफाई में ही जुटे रहे। डस्‍टबिन में जमा गंदगी फेंकने से लेकर नाली तक बच्‍चों से साफ कराई गई। कबीरचौरा स्‍कूल में शिक्षक बच्‍चों से वजनी सामान हटवाने से लेकर दरी और कुर्सी लगवाते दिखे। वहीं, दूसरी तरफ दशाश्‍वमेध और कोतवाली जोन के खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों में ताला बंद रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ज्‍यादातर स्‍कूलों में सफाई होती रही और यह काम पढ़ने आए बच्‍चों से कराया गया। यह स्थिति तब है जब देश में नाबालिग बच्‍चों से काम कराना अपराध है।

*प्राइमरी स्कूल में सफाई में लगा छात्र*
एक महीने तक चलने वाले ‘स्‍कूल चलो’ अभियान को लेकर प्रदेश सरकार ने ढिंढोरा पीटा। दावा किया गया कि पहले ही दिन स्‍कूलों में पढ़ाई का माहौल दिखेगा। जो बच्‍चे स्‍कूल नहीं जाते उन्‍हें तलाशकर नामांकन कराया जाएगा। हालांकि रियलिटी चेक में हकीकत कुछ और ही दिखी। शिक्षा विभाग के अधिकारी सबकुछ तय कार्यक्रम के मुताबिक होने का दावा कर रहे हैं।

अलबत्ता आराजीलाइन विकास खंड के गंगापुर इंटर कॉलेज में माहौल बिल्कुल अलग रहा। वहां पहले दिन बच्चों का स्वागत शिक्षकों ने फूल भेंट कर किया। उन्हें नैतिकता का पाठ पढाया गया। पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया गया।

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