नए ऑर्डर मिलने में मामूली बढ़त के चलते देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जून में नरम रही।

उत्पादन और रोजगार की वृद्धि का भी नरम पड़ना है।

नई दिल्ली: ।

नए ऑर्डर मिलने में मामूली बढ़त के चलते देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जून में नरम रही। इसका आशय उत्पादन और रोजगार की वृद्धि का भी नरम पड़ना है।
कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले एक मासिक सर्वेक्षण की सोमवार को जारी रपट में यह बात सामने आयी है। आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून में 52.1 अंक पर रहा। यह मई के 52.7 अंक से नीचे है जो तीन महीने का उच्च स्तर था। यह दिखाता है कि विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि नरम पड़ी है।
यह लगातार 23वां महीना है जब विनिर्माण पीएमआई 50 अंक से ऊपर बना रहा है। पीएमआई का 50 अंक ऊपर रहना विनिर्माण गतिविधियों में बढ़ोत्तरी और 50 अंक से नीचे रहना संबंधित कारोबारी गतिविधियों में गिरावट को दिखाता है। इस प्रकार जून में विनिर्माण गतिविधियों में बढ़ोत्तरी तो हुई है लेकिन वह पिछले महीने के मुकाबले नरम पड़ी हैं।

लोन वसूली के लिए बाउंसरों की नियुक्ति का अधिकार किसी को नहीं
आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि कारखानों के ऑर्डर, उत्पादन, रोजगार और निर्यात सभी में वृद्धि देखी गयी। लेकिन सभी पहलुओं पर वृद्धि की दर बेहद नरम रही क्योंकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी देखी गयी। सर्वेक्षण के अनुसार वृद्धि का मुख्य स्रोत उपभोक्ता उत्पाद रहे। वहीं बिक्री, उत्पाद एवं रोजगार में तेजी की स्थिति देखी गयी।

Translate »