नई दिल्ली। 2019 साल 2019 के छह महीने खत्म हो चुके हैं और इस दौरान साल की शुरुआत में ही दुनिया एक आंशिक सूर्य ग्रहण देख चुकी है। 5-6 जनवरी को दिखे उस सूर्य ग्रहण का नजारा पूर्वी एशिया और पैसिफिक क्षेत्र के देशों में देखा गया था। अब साल का दूसरा सूर्य ग्रहण मंगलवार 2 जुलाई को होने जा रहा है। इस बार के सूर्य ग्रहण की खास बात यह है कि इस बार पूर्ण सूर्य ग्रहण होने जा रहा है, यानि दिन में ही रात जैसा नजारा होगा।
दुनियाभर के लोगों ने इस अनोखी खगोलीय घटना का गवाह बनने के लिए तमाम तरह की तैयारियां कर ली हैं। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण मंगलवार रात 2 जुलाई को 10.25 बजे शुरू होगा। इस दौरान पूरे 4 मिनट, 33 सेकेंड्स तक पूर्ण सूर्य ग्रहण रहेगा। हालांकि, अगस्त 2017 में हुए पिछले पूर्ण सूर्य ग्रहण के मुकाबले इस सूर्य ग्रहण का पूरा समय लगभग दोगुना होगा। उस वक्त पूर्ण सूर्य ग्रहण सिर्फ 2 मिनट, 40 सेकेंड्स तक चला था।
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस पूर्ण सूर्यग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करेगी। इसके अलावा यह अंतरिक्ष एजेंसी तस्वीरें भी जारी करेगी। कुल 161 मिनट यानि 2 घंटे 41 मिनट तक यह सूर्य ग्रहण चलेगा। हालांकि, भारत में जो लोग पूर्ण सूर्य ग्रहण का नाजारा देखना चाहते हैं उन्हें निराश होना पड़ेगा, क्योंकि इसे देश के किसी भी कोने से नहीं देखा जा सकेगा। इसके बावजूद नासा की लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए कोई भी इस खगोलीय घटना का साक्षी बन सकता है। यह सूर्य ग्रहण चिली, अर्जेंटीना और दक्षिण पैसिफिक क्षेत्र में करीब 6000 मील तक दिखेगा, लेकिन भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल जैसे एशियाई देशों में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।
क्यों लगता है सूर्य को ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक अनोखी खगोलीय घटना है। इसका आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व चाहे जो हो, लेकिन वैज्ञानिक तर्क की बात करें तो, जब सूर्य का चक्कर लगाते हुए चंद्रमा और पृथ्वी एक साथ सूर्य की सीधे में आ जाते हैं तो सूर्य ग्रहण होता है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और यह सूर्य की किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोक देता है। ऐसे में पृथ्वी से सूर्य दिखना बंद हो जाता है, जिसे सूर्य ग्रहण कहते हैं।
ऐसा था साल का पहला सूर्य ग्रहण
पांच और छह जनवरी 2019 को आंशिक सूर्य ग्रहण हुआ था। हालांकि, साल के शुरू में हुए इस आंशिक शूर्य ग्रहण को भी भारत में नहीं देखा जा सका। उत्तर-पूर्वी एशिया और उत्तरी पैसिफिक देशों में आंशिक सूर्य ग्रहण का यह मनमोहक नजारा देखने को मिला था। यानि जापान, कोरिया, मंगोलिया, ताइवान और रूस व चीन के पूर्वी छोर के अलावा अमेरिका के पश्चिमी हिस्से में भी यह ग्रहण दिखा था। बीजिंग में सूर्य का 20 फीसद हिस्सा, टोक्यों में 30 फीसद और व्लादिवोस्टक में 37 फीसद हिस्सा चंद्रमा के पीछे छिप गया था। भारतीय समयानुसार यह आंशिक शूर्य ग्रहण सुबह 5.04 बजे पर शुरू हुआ था और 9.18 बजे तक चला था।
भारत में कब दिखेगा सूर्य ग्रहण
अगर आप भारत में सूर्य ग्रहण देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको साल के अंत तक इंतजार करना पड़ेगा। साल के अंत में यानि 26 दिसंबर को भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। यह सूर्य ग्रहण 2 घंटे, 40 मिनट और 6 सेकेंड तक चलेगा। अगर साल के अंत में मौसम ठीक-ठाक रहा तो आप इस सूर्य ग्रहण का नजारा देख पाएंगे। इस ग्रहण की शुरुआत सुबह 8.17 बजे होगी और 10.57 बजे सूर्य ग्रहण खत्म होगा। ग्रहण सुबह 9.30 बजे अपने चरम पर होगा। यह साल का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। अगर आप दक्षिण भारत में रहते हैं तो आप इसे ज्यादा स्पष्ट देख पाएंगे। खासतौर पर कन्नूर, कोझीकोड, मदुरै और त्रिशूर क्षेत्र में यह स्पष्ट नजर आएगा।
कब होगा अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण
ऐसी अनोखी खगोलीय घटनाएं होती रहती हैं और अगली बार पूर्ण सूर्य ग्रहण दिसंबर 2020 में दिखेगा, जबकि पिछला पूर्ण सूर्य ग्रहण अगस्त 2017 में हुआ था।