शाइन सिटी का मालिक राशिद नसीम महीने भर से था नेपाल पुलिस के चंगुल में
आजमगढ़ लालगंज प्रमुख सोनू सिंह आका को छुड़ाने पहुँचा था नेपाल
वाराणसी। ठगी के नए नए तरीके ईजाद करने वाला नए युग का नटवरलाल यानी शाइन सिटी का मालिक राशिद नसीम के नेपाल पुलिस के चंगुल से जल्द आजाद होने की जानकारी मिल रही है,और राशिद नसीम यानी नए युग के नटवरलाल को यह आजादी यूँ ही नही मिल गयी बल्कि इसके लिए राशिद नसीम एंड कम्पनी ने धनबल ऊंचे रसूख और सिस्टम को साधकर नेपाल पुलिस के जाल से मुक्त हुआ है।
और सूत्र बताते हैं कि इस पूरे घटनाक्रम में सबको मुक्त करवाने में मध्यस्थत की भूमिका में आजमगढ़ के लालगंज का ब्लाक प्रमुख सोनू सिंह है जो कि वाराणसी में रहकर शाइन सिटी से कारोबारी रूप से जुड़े हैं,उनकी भूमिका प्रमुख रही।
बताते चलें कि पिछले दिनों नेपाल पुलिस ने साईन सिटी प्रमुख राशिद नसीम सहित 12 लोगों को काठमांडू स्थित एक होटल से गिरफ्तार कर लिया था। नेपाल पुलिस को पता चला था कि कुछ भारतीय नागरिक नेपाल वासीयों के साथ मिलकर अवैध रूप से नेटवर्किंग कारोबार कर रहे हैं। जब वहां की पुलिस ने जांच शुरू किया तो यह बात सामने आई कि नेटवर्किंग कारोबार की आड़ में लोगों से भारी रकम निवेश कराया जा रहा है। और विदेशी मुद्रा विनिमय कंपनी के जरिए ठगी की जा रही है। नेपाल की पुलिस, और जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने होटल समेत जालसाजों के कई ठिकानों पर छापेमारी की । प्रयागराज के करेली थाना क्षेत्र में रहने वाले अतीक के दो करीबी युवकों समेत लखनऊ, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली, बेंगलुरू निवासी कुल 12 लोगों को पकड़ा गया।
पकड़े गए लोगों ने पूछताछ में बताया कि कंपनी का मुख्यालय दुबई में है, लखनऊ सहित देश विदेश में कई कार्यालय हैं। यहां नेटवर्किंग के जरिए मेल आइडी के आधार पर कंपनी में खाता खोला जाता था। इसके बाद इसमें पूंजी निवेश कराई जाती थी। इसका सदस्य बनाने पर भारी कमीशन देने का भी प्रलोभन दिया जाता था।
जब अदालत से पुलिस ने मांगा था वक्त-
नेपाल पुलिस राशिद को यूँ ही मुक्त करने में कम दिलचस्पी दिखा रही थी, जब कुछ खास लोगों की पहल पर मामला नेपाल की अदालत में पहुंचा तो अदालत नें सारे तथ्य देखने के बाद आदेश दिया है, कि या तो इन लोगो के खिलाफ ठोस सबूत लाओ या फिर इन्हें रिहा किया जाय ,मगर उस वक्त भी पुलिस ने पांच दिन का समय मांगा था।
बताया जा रहा है की चंद्र बहादुर अधिकारी, शारदा अधिकारी और गौरी देवी नाम के तीन लोगों ने एक नेपाली मूल के महेंद्र सिंह के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की थी, जो शाइन ग्रुप द्वारा आयोजित सेमिनार में भाग ले रहा था।
राशिद के ‘खास’ पीएमओ से नेपाल पुलिस पर डलवा रहे थे दबाव !
राशिद नसीम के रुपये की ताकत और रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,की इस मामले में राशिद के करीबी नेपाल पुलिस पर दबाव बना रहे थे,मिली जानकारी के अनुसार राशिद को नेपाल पुलिस से छुड़ाने के लिये कुछ सफेदपोश और करीबी जो राशिद को संरक्षण देते हैं,वो पीएमओ के जरिये राशिद नसीम एंड टीम को छुड़ाने के लिए लग चुकी थी,इसके लिए हर हथकंडे अपनाए गयें थे, फिलहाल राशिद नसीम नेपाल पुलिस के चंगुल से छूटते ही विदेश चला गया है,और सबसे बड़ी बात की भारत मे निवेशकों से अरबों की ठगी करने वाले राशिद के खिलाफ ठोस कार्यवाही करने की बजाय यहां का प्रशासनिक तंत्र हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
बिजनेस सहयोगी ब्लॉक प्रमुख सोनू की भूमिका सवालों के घेरे में-
राशिद नसीम के गिरफ्तारी के बाद आजमगढ़ के लालगंज ब्लाक प्रमुख सोनू सिंह दल बल के साथ नेपाल पहुँच गये है,
बताया जाता है कि बनारस लखनऊ के कई प्रोजेक्ट में सोनू सिंह की भागीदारी प्रमुख है,आजमगढ़ का रहने वाला सोनू सिंह वर्तमान में वाराणसी के शिवपुर में एक फ्लैट में रहता है,यह शाइन सिटी से जुड़कर करोड़ों रुपये की कमाई कर चुका है,कई गाड़ियों और असलहाधारीयों के साथ चलने वाला सोनू सिंह बेहद दबंग माना जाता है, सूत्र बताते हैं कि निवेशकों और शाइन सिटी में वर्क करने वालो की आवाज दबाने के लिए राशिद नसीम सोनू सिंह का इस्तेमाल करता है। आका
राशिद नसीम के पकड़े जाने पर सोनू सिंह नेपाल पहुँच छुड़ाने की डीलिंग सेटिंग में प्रमुख मध्यस्थत रहा,अगर राशिद के साईन सिटी के खिलाफ जांच हुई तो सोनू सिंह की भूमिका जरूर जांची जाएगी।
अतीक अहमद का करीबी है राशिद-
फर्जी स्कीमों और सस्ते प्लाट का लालच देकर निवेशकों का पैसा गड़प करने वाला प्रयागराज निवासी राशिद नसीम पूर्व सांसद बाहुबली अतीक का करीबी बताया जाता है,बाहुबली अतीक के बाहुबल का प्रयोग राशिद गाहे बगाहे करता रहा है। ।अमित मौर्य की कलम से
रियल स्टेट में निवेश के नाम पर भोली भाली जनता को ठगने वाले शाइन सिटी के मालिक राशिद नसीम और उसके गुर्गों के खिलाफ केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराउंगा ताकि जनता के साथ निवेश के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगी करने वालों की सम्पत्ति और क्रिया कलापों की जांच हो।
रत्नाकर गौतम एडवोकेट।
आश्चर्य होता है की फर्जी स्कीमों के जरिये निवेशकों का करोड़ों रुपये दबा कर बैठे राशिद नसीम के खिलाफ सरकार जांच क्यों नही करती है,जबकि इसमें निवेश कर चुके लोग इसकी कम्पनियों स्कीमों की शिकायत लगातार कर रहे हैं।no
मैं सरकार से इसके खिलाफ एस आई टी जांच के पत्र प्रेषित करूँगा।