
अंतिम दर्शन को पहुंची पत्नी, निकल पड़े सबके आंखों से आंसू
गाजीपुर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शहीद हुए गाजीपुर के महेश कुमार कुशवाहा का पार्थिव शरीर देर रात 12:30 बजे उनके पैतृक गांव जैतपुरा पहुंचा। शहीद की आगवानी के लिये हजारों की संख्या में युवा उपस्थित रहे जो पाकिस्तान मुर्दाबाद और महेश जिंदाबाद के नारे लगातार लगा रहे थे और तिरंगा फहरा रहे थे।इससे पूर्व वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर शहीद को श्रद्धांजलि दी गयी। उत्तर-प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने बाबतपुर एयरपोर्ट पर शहीद को श्रद्धांजलि दी और उनको कंधा दिया। कल शहीद का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव जैतपुरा में किया जायेगा। शहीद के पिता मुखाग्नि देंगे।
*शादी के बाद सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे महेश*
देश सेवा के भाव से भरे मेधावी महेश ने इंटर तक की पढ़ाई पूर्ण की। इसके बाद सेना भर्ती की तैयारी में लग गए। इसी दरम्यान वर्ष 2009 में वभनौली गांव निवासी निर्मला से उनकी शादी हो गई। शादी के बाद भी महेश ने अपनी तैयारी जारी रखी और करीब दो माह बाद ही सीआरपीएफ में भर्ती हो गए। पिता गोरखनाथ घर पर किराना स्टोर और आटा चक्की चलाकर परिवार की भरण पोषण करते थे। वहीं इनके बड़े भाई शिवशंकर कुशवाहा भी हाईस्कूल तक पढ़े हैं और करीब आठ वर्ष से अपने परिवार के साथ मुम्बई रहते हैं। महेश ने सीआरपीएफ में भर्ती होने के बाद पिता का आटा चक्की बंद करा दिया। हालांकि किराना स्टोर अभी भी है। दो भाइयों के अलावा महेश को तीन बहने हैं। तीनों की शादी हो चुकी है। चूंकि परिवार में और कोई एेसा नहीं था जो माता-पिता की देखभाल कर सके इस वजह से महेश ने अपने भांजे विशाल व भांजी रिंकी को घर पर बुला रखा था।
*26 जून को है बेटे आदित्य का जन्मदिन*
शहीद महेश कुशवाहा के बड़े बेटे आदित्य का 26 जून को जन्मदिन था। करीब दो-तीन पहले फोन पर हुए बात में महेश ने बताया था कि आ रहे हैं तो जन्मदिन काफी धूमधाम से मनाया जाएगा। बेटे के जन्मदिन को लेकर वह काफी प्रसन्न भी थे।
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