उपभोक्ताओं को सही बिल दिया जाए: मुख्यमंत्री
लखनऊ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन में ऊर्जा तथा अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया और उनके कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने विद्युत आपूर्ति में लाइन लाॅसेज़ को कम करने के निर्देश देते हुए कहा कि खराब ट्रांसफाॅर्मरों की मरम्मत शीघ्रता से की जाए और आवश्यकता पड़ने पर इनको तुरन्त बदला जाए।
मुख्यमंत्री ने लो वोल्टेज और वोल्टेज फ्लक्चुएशन की समस्या का समाधान करते हुए उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को सही बिल दिया जाए और इसकी वसूली समयबद्धता के साथ की जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के आवासों पर विद्युत मीटरों को स्थापित करने के कार्य में तेजी लायी जाए और इनसे समय से सही बिल देते हुए इसकी वसूली की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश के प्रस्ताव आए हैं। ऐसे में उद्योगों को काफी मात्रा में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। अतः भविष्य में विद्युत की मांग में बढ़ोत्तरी का आकलन करते हुए इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।
प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने मुख्यमंत्री के समक्ष उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल), उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (यूपीआरवीयूएनएल), उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) तथा अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रस्तुतिकरण किए। उन्होंने यूपीपीटीसीएल की उपलब्धियों एवं कार्य योजना पर प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि मई, 2019 तक ग्रिड कैपेसिटी के निर्धारित लक्ष्य 23,500 मेगावाॅट के विरुद्ध 24,000 मेगावाॅट क्षमता प्राप्त हुई। इसी तरह मई, 2019 में आयात क्षमता के निर्धारित लक्ष्य 11,500 मेगावाॅट के विरुद्ध 12,850 मेगावाॅट का लक्ष्य हासिल किया गया। उन्होंने वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में उपकेन्द्रों के निर्माण के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने वर्ष 2019-20 में स्वीकृत/प्रारम्भ किए जाने वाले उपकेन्द्रों के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया। उन्होंने वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 की कार्य योजना के विषय में भी अवगत कराया।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने यूपीआरवीयूएनएल की उपलब्धियों एवं कार्य योजना पर प्रस्तुतिकरण देते हुए मुख्यमंत्री जी को वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने वर्ष 2019-20 की कार्य योजना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि इस अवधि के लिए विद्युत उत्पादन का लक्ष्य 32,208 मिलियन यूनिट निर्धारित किया गया है। विद्युत उत्पादन लागत का लक्ष्य 03 रुपए 05 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में कुल 07 इकाइयों की ओवरहाॅलिंग भी प्रस्तावित है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए विद्युत उत्पादन का लक्ष्य 33,580 मिलियन यूनिट निर्धारित किया गया है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2021-22 में नये पर्यावरण सम्बन्धी मानकों के अनुपालन में यूपीआरवीयूएनएल द्वारा प्रस्तावित कार्यों की स्थिति के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को जानकारी दी। उन्होंने आगामी वर्षों की नवीन परियोजनाओं की कार्य योजनाओं के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।
आलोक कुमार ने यूपीपीसीएल के कार्य-कलापों के विषय में मुख्यमंत्री जी को बताया कि प्रदेश में मार्च, 2017 के बाद से विद्युत आपूर्ति में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि मार्च, 2017 में जहां ग्रामीण क्षेत्र में लगभग साढ़े पन्द्रह घण्टे विद्युत आपूर्ति हो रही थी, वहीं मार्च, 2018 में यह बढ़कर साढ़े सत्रह घण्टे हो गई। जबकि मई, 2019 में यह बढ़कर 20 घण्टे 08 मिनट हो गई। इसी प्रकार तहसील क्षेत्र में मार्च, 2017 में यह आपूर्ति साढ़े सत्रह घण्टे ही थी, वहीं मार्च, 2018 में यह आपूर्ति बढ़कर 19 घण्टे 49 मिनट हो गई। इसी प्रकार मई, 2019 में यह आपूर्ति बढ़कर 22 घण्टे 43 मिनट हो गई। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में मार्च, 2017 में विद्युत आपूर्ति 21 घण्टे 37 मिनट हो रही थी, वहीं मार्च, 2018 में यह आपूर्ति बढ़कर लगभग 23 घण्टे हो गई। मई, 2019 से यह आपूर्ति बढ़कर 23 घण्टे 15 मिनट हो गई।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने मुख्यमंत्री को हर घर बिजली योजना के तहत मजरों के विद्युतीकरण, निर्गत संयोजनों की संख्या तथा विद्युतीकरण हेतु भारत सरकार से प्राप्त धनराशि के विषय में भी विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने विद्युत आपूर्ति प्रणाली के सुधार पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। वितरण परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि तथा लो वोल्टेज की समस्या समाधान हेतु कैपिसिटर बैंक की स्थापना के विषय में भी मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई। उन्होंने उपभोक्ता सेवाओं को सुधारने के लिए किए गए प्रयासों से भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।