यूपी बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश की अंतिम यात्रा में कानून मंत्री बृजेश पाठक पहुंचे, अखिलेश यादव का इंतजार

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई।

एटा। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। दरवेश यादव की अंत्येष्टि की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक पहुंच गए हैं। उन्होंने संवेदना प्रकट की है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रतीक्षा की जा रही है।

सैकड़ों लोग शामिल हुए अंतिम यात्रा में

दरवेश यादव का शव आगरा से एटा पहुंचा। वहां से दरवेश का पार्थिक शरीर पैतृक गांव थाना मलावन के चाँदपुर गांव ले जाया गया। पूर्वाह्न 11 बजे अंतिम यात्रा निकाली गई। सैकड़ों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। इसी दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कानून मंत्री बृजेश पाठक पहुंच गए। उन्होंने दरवेश यादव के परिजनों से भेंट की। मुख्यमंत्री और सरकार की ओर से संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी है, छोड़ा नहीं जाएगी। सरकार घटना की तह तक जाएगी। एटा के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भी मौके पर आकर शोक प्रकट किया।

साथी अधिवक्ता ने की थी गोली मारकर हत्या

बता दें कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष चुने जाने के बाद बुधवार को दीवानी कचहरी में दरवेश सिंह का स्वागत हुआ। स्वागत के बाद वे आभार प्रकट करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अरविन्द मिश्रा के चैम्बर में गईं। वहीं पर साथी अधिवक्ता मनीष बाबू शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद के गोली मार ली। मनीष शर्मा की हालत गम्भीर है। दरवेश यादव के भतीजे सनी यादव ने मनीष शर्मा, उनकी पत्नी और अधिवक्ता विनीत गुलेच्छा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। विनीत गुलेच्छा पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है।

थाना मलावन के गांव चांदपुर की मूल निवासी

थाना मलावन क्षेत्र के गांव चांदपुर की दरवेश सिंह मूल निवासी थी। साधारण किसान परिवार में जन्मी दरवेश तीन बहनें और एक भाई थे। दरवेश की बड़ी बहन मंजूदेवी उर्फ शीलादेवी पुलिस में कांस्टेबल थी। 2013 में हृदयगति रुकने से मौत हो गई थी। बहन की मौत के बाद उसकी बेटी को दरवेश ने अपने पास ही रख लिया था। दरवेश के भाई पंजाबी सिंह गांव में रहकर खेती देखते हैं। पंजाबी सिंह के पांच बेटे हैं। एक बेटा सनी यादव दरवेश के साथ आगरा में ही उसके साथ रहता है। सनी यादव ने ही हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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