सड़क जाम करने पर आम आदमी नहीं पुलिस पर भी होती है कार्रवाई, विभाग में मचा हड़कंप

चार प्रशिक्षु महिला सिपाहियों को प्रशिक्षण से किया गया वापस, अन्य पर भी गिरी गाज

वाराणसी। आम लोग ही नहीं पुलिस भी सड़क जाम करती है तो उन पर कार्रवाई होती है। बनारस में प्रशिक्षु महिला सिपाहियों का सड़क जाम करना भारी पड़ गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट पर एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने कार्रवाई कर दी है। चार महिला आरक्षियों के प्रशिक्षण पर रोक लगा कर उन्हें ज्वाइनिंग ट्रेनिंग सेंटर भेज कर एसएसपी प्रयागराज से कार्रवाई की संस्तुति की गयी है।

इसी मामले में 13 प्रशिक्षु आरक्षियों को अलग-अलग ट्रेनिंग सेंटर में भेज कर उनके आचरण पर नजर रखने का निर्देश जारी किया गया है जबकि 35 प्रशिक्षु आरक्षियों को ट्रेनिंग सेंटर में रहते हुए सामान्य श्रेणी का दंड दिया गया है। एसएसपी की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। अनुशासन से ही पुलिस विभाग चलता है और प्रशिक्षु महिला आरक्षियों ने अनुशासन तोड़ कर सड़क जाम किया था जिससे विभाग को लेकर आम लोगों में गलत संदेश गया था। एसएसपी ने मामले की जांच आईपीएस व कैंट सीओ डा अनिल कुमार के साथ चेतगंत सीओ अंकिता सिंह व दशाश्वमेध सीओ प्रीति त्रिपाठी को सौंपी थी उनकी रिपोर्ट पर ही यह कार्रवाई की गयी है।

छेड़छाड़ व अन्य आरोप लगा कर प्रशिक्षु महिला सिपाहियों ने किया था सड़क जाम

पांच जून को दर्जनों की संख्या में प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मियों ने पुलिस लाइन के सामने सड़क जाम कर दिया था। प्रशिक्षु महिला सिपाहियों का आरोप था कि बाहरी युवकों ने उनके साथ छेड़छाड़ का प्रयास किया था। बैरक के पास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। खुल मैदान में प्रशिक्षु महिला सिपाहियों को स्नान करना पड़ता है और बाहरी लोग उनका वीडियो बनाते हैं। इसके अतिरिक्त बिजली, पानी आदि समस्या की भी शिकायत की थी। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बिजली, पानी, सुरक्षा आदि की समस्याओं को दूर कर लिया गया है। छेडख़ानी का प्रयास करने की बात जांच में साबित नहीं हो पायी है। जो प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मियों ने अनुशासन तोड़ा है और साथियों को भड़काया था उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है।

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