रायबरेली में प्रियंका का एलान: बिना गठबंधन के यूपी में 2022 विस चुनाव लड़ेगी कांग्रेस पार्टी

लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस ने आने वाले चुनावों में मजबूती के साथ उतरने की कवायद शुरू कर दी है।

★ पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब 40 जिलों के हारे प्रत्याशियों व जिलाध्यक्षों के साथ बैठक

★ सभी से एक-एक कर पराजय के कारण जाने और उसे दुरुस्त करके नए से सिरे से कार्य करने को कहा

★ बहराइच से सावित्री बाई फुले, उन्नाव से अनु टंडन, सुल्तानपुर से डॉ. संजय सिंह ने भी की शिरकत

रायबरेली ।

लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस ने आने वाले चुनावों में मजबूती के साथ उतरने की कवायद शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी ने बुधवार को भुएमऊ गेस्ट हाउस में 40 जिलों के हारे पार्टी प्रत्याशियों और जिलाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक करके न सिर्फ हार के कारणों को जानने की कोशिश की, बल्कि यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव बिना गठबंधन के ही लड़ने का एलान भी किया।

उन्होंने सभी की हौसला आफजाई की और लोकसभा चुनाव में मिली हार को भूलकर नए सिरे से पार्टी को ताकतवर बनाने में जुटने का आह्वान भी किया। समीक्षा बैठक में हार की वजह पर जल्द फैसला लेने के संकेत भी दिए। पार्टी कार्यकताओं से मिलने के बाद वह वापस रवाना हो गईं।

हलांकि, दिल्ली में खराब मौसम के चलते सोनिया गांधी व प्रियंका वाड्रा फुरसतगंज एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भर सकीं। सोनिया गांधी का काफिला फिर रायबरेली के लिए रवाना हुआ। पायलट ने ऐसे मौसम में हवाई जहाज ले जाने से मना कर दिया। अब रायबरेली के भुएमऊ गेस्ट हाउस में ही सोनिया व प्रियंका करेंगी विश्राम करेंगी और कल सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगी।

★ प्रियंका ने की हार की समीक्षा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को लोकसभा चुनाव में पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव में पार्टी यूपी मे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। एक दिवसीय दौरे पर यहां पहुंची प्रियंका ने भुएमऊ गेस्ट हाउस में हार के कारणों की समीक्षा की। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब 40 जिलों बहराइच, सुल्तानपुर, उन्नाव, भदोही, मिर्जापुर आदि जिलों के पार्टी के हारे प्रत्याशी और जिलाध्यक्षों ने भाग लिया।

सुल्तानपुर से पार्टी के प्रत्याशी रहे डॉ. संजय सिंह, उन्नाव से अनु टंडन और बहराइच की प्रत्याशी रही सावित्री बाई फुले समेत अन्य प्रत्याशियों ने बारी-बारी से हार की वजह प्रियंका के सामने रखी। उन्होंने पूछा कि क्या संगठन का साथ नहीं मिला। जनता ने कांग्रेस के बजाय भाजपा का सपोर्ट क्यों किया। क्या मुद्दे रहे। मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन से पार्टी पर क्या फर्क पड़ा। सभी ने इन मुद्दों पर अपनी बात भी रखी।

प्रियंका ने यह कहते हुए सभी का हौसला आफजाई किया कि अब सब हार से निराश न हों। आने वाले चुनावों की तैयारी करें। खासकर यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव के लिए तैयारी अभी से शुरू करें। उन्होंने यूपी का आगामी विस चुनाव बिना गठबंधन के लड़ने के ही संकेत दिए।

★ सोनिया भी रहीं मौजूद, सबकी बात सुनी

हारे प्रत्याशियों और जिलाध्यक्षों की समीक्षा बैठक के दौरान सांसद सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं। उन्होंने प्रत्याशियों और जिलाध्यक्षों की ओर से हार की बताई गई वजह को सुना। प्रियंका ने जो भी कुछ कहा, उस पर हां में हां मिलाई। इस दौरान सोनिया ने सभी से नये सिरे से पार्टी की खोई जमीन को मजबूत करने का आह्वान भी किया।

सभी ने जताई सहमति न हो गठबंधन : संजय सिंह
सुल्तानपुर के कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे डॉ. संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हम सबने चुनाव में आई दुश्वारियों और अनुभवों को पार्टी नेतृत्व को बताया है। नेतृत्व ने उसे बड़ी गंभीरता से लिया है। आने वाले समय में सबकी राय है कि गठबंधन नहीं होना चाहिए। यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव में हम सरकार बनाएंगे, ऐसा हम सबका आत्मविश्वास है। लोकसभा चुनाव में हार के क्या कारण रहे, इस पर संजय सिंह ने कहा कि यह हम बाद में बताएंगे, जब सब तय हो जाएगा कि हम क्या करने वाले हैं।

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