नई दिल्ली ।
केंद्र सरकार ने उप सचिव और निदेशक के पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल करने की योजना बनाई है। आमतौर पर इन पदों को आईएएस जैसी विभिन्न ग्रुप ए सेवाओं के माध्यम से चुने गए सरकारी कर्मचारियों और केंद्रीय सचिवालय सेवा के पदोन्नत अधिकारियों द्वारा भरा जाता है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव सी चंद्रमौली ने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में औपचारिक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। शुरुआत में निजी क्षेत्र के 400 विशेषज्ञों को इन पदों पर नियुक्त किया जाएगा।
हाल ही में नीति आयोग की रिपोर्ट में लेटरल एंट्री के जरिये तय कार्यकाल के लिए निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को इन पदों पर नियुक्त करने की आवश्यकता बताई थी। कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में सचिव रैंक के पदों पर लेटरल एंट्री के जरिये निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों से आवेदन मांगे थे। सरकारी विज्ञापन के बाद कुल 6,077 आवेदन प्राप्त हुए थे।
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