एमपी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. राजेंद्रनगर, गाजियाबाद स्थित नकुलनाथ की संस्था लाजपतराय एजुकेशनल सोसायटी पर कार्रवाई करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.
हाईकोर्ट ने सोसायटी द्वारा जीडीए में 5 करोड़ रुपए जमा करने पर भूमि का आवंटन निरस्त करने के आदेश पर राज्य सरकार को पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि इस मामले में प्रमुख सचिव नगर विकास ने जो भी निर्णय लिया है, उस निर्णय से अदालत को 20 अगस्त तक अवगत कराएं.
गाजियाबाद, राजेंद्रनगर में सोसायटी के नाम पर 11 हजार वर्गगज जमीन आवंटित की गई थी. उसे कई बार कीमत अदा कर रजिस्ट्री कराने का अवसर दिया गया, लेकिन बार-बार अवसर देने के बाद भी बैनामा न कराने के कारण आवंटन निरस्त कर दिया गया है और किया गया निर्माण हटाने का आदेश दिया गया था.
भूमि का विधिवत आवंटन कराए बगैर कालेज भवन का निर्माण करा लिया गया है. जीडीए की इस कार्रवाई को चुनौती दी गई है. इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि क्या किसी कानून के तहत देरी के बावजूद भुगतान लेकर जमीन वापस की जा सकती है. राज्य सरकार की तरफ से सकारात्मक जानकारी मिलने पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव को निर्णय लेकर अवगत कराने का आदेश दिया है. साथ ही कहा है कि याची आदेश से संतुष्ट न हो तो इसे चुनौती दे सकता है.
नकुलनाथ की संस्था लाजपतराय एजुकेशनल सोसायटी से जुड़े इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है.