नाले का दूषित पानी पी रहे ग्रामवासी

खैरा पंचायत में पेयजल के लिए मची त्राहि-त्राहि

सिगरौली।चितरंगी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खैरा के सैकड़ों ग्रामीण दूषित नाले का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। इस पंचायत के दर्जनों हैण्डपम्प राइजर पाइप के अभाव में महीनों से हवा उगल रहे हैं। सूचना एवं शिकायत के बावजूद पीएचई अमला मरम्मत कराने के लिए परहेज कर रहा है। जिससे गांव में शुद्ध पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि मच गयी है।
दरअसल अल्प बारिश के चलते भू जल स्तर नीचे खिसक जाने के कारण क्षेत्र के अधिकांश हैण्डपम्प पानी के बदले हवा उगल रहे हैं। चितरंगी जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत खैरा के करीब एक दर्जन हैण्डपम्प महीनों से पानी के बदले हवा उगल रहे हैं। पंचायत के सरपंच ने बताया कि इसकी जानकारी पीएचई कार्यपालन यंत्री, एसडीओ, सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं मेकैनिक को कई बार मोबाइल के माध्यम से दी गयी। किन्तु आज तक एक भी हैण्डपम्पों का मरम्मत करना पीएचई अमला उचित नहीं समझा है। लिहाजा इस पंचायत में पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि मच गयी है। ग्रामीणजन इस चिलचिलाती धूप में एक-एक बाल्टी पानी के लिए लंबी दूरी का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं। सरपंच ने कहा कि पीएचई अमला कलेक्टर के आदेश को भी नजर अंदाज कर ग्रामीणों को दूषित पानी पिलाने के लिए मजबूर कर दिया है। सरपंच ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता के मूलभूत समस्याओं को सरकार नजरअंदाज कर रही है। चार महीने के दौरान पूरी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गयी हैं। अधिकारी, कर्मचारी समस्या का निदान करने से भागते नजर आ रहे हैं। अब धरना प्रदर्शन ही एक रास्ता बचा हुआ है।

*खडग़ड़ नाले से बुझ रही ग्रामीणों की प्यास*
खैरा पंचायत के पश्चिम टोला में पेयजल संकट की स्थिति भयावह हो चुकी है। यहां के ग्रामीण मजबूर होकर खडग़ड़ नाले का दूषित पानी पी रहे हैं। खैरा के कुण्डली कोल, पंचू केवट, प्रद्युमन चौधरी, सिरमोहन कोल ने बताया कि यहां का हैण्डपम्प कई महीने से खराब पड़ा हुआ है। राइजर पाइप के अभाव में बंद है। जिससे आंगनबाड़ी के बच्चे भी घर से पानी लाकर प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं। साथ ही नाले के झरने का पानी पी रहे हैं। जहां मवेशियों का भी झरने के पास जमावड़ा लगा रहता है।

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