नई दिल्ली ।
मोदी सरकार की सत्ता में वापसी से उत्साहित शेयर बाजार ने पिछले सप्ताह र्कई एतिहासिक कीर्तिमान अपने नाम किए। बाजार विश्लेषकों को पूरी उम्मीद है कि इस सप्ताह भी निवेशकों का उत्साह कायम रहेगा, जिसके बूते बाजार नए रिकॉर्ड बना सकता है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर जारी तनाव इस पर कुछ हद तक असर डाल सकते हैं।
मोदी की सत्ता में वापसी से कारोबारी जगत को काफी उम्मीदें हैं। यही कारण है कि पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर बंद हुए थे। यस सिक्योरिटीज के अध्यक्ष और प्रमुख शोधकर्ता अमर अंबानी का कहना है कि शेयर बाजार भरोसा चाहता है और भाजपा के मजबूत जनादेश से निवेशकों को अगले पांच वर्षों के लिए स्थिर सरकार, प्रशासन और विकास के एजेंडे लागू रहने की उम्मीद है। बाजार में यह भरोसा आने वाले दिनों में भी कायम रहेगा। हालांकि, वैश्विक तनाव, कंपनियों की आय, नकदी तरलता की स्थिति जैसे कारकों का भी बाजार पर कुछ हद तक असर दिखेगा।
★ सतर्क रहें निवेशक
सैम्को सिक्योरिटीज के संस्थापक व सीईओ जिमीत मोदी का कहना है कि लगातार उछाल की ओर जा रहे शेयर बाजार में अस्थिरता आने की काफी आशंका रहती है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाजार पहले ही काफी बढ़त पा चुका है और इस बात की बड़ी संभावना है कि वैश्विक चुनौतियों के कारण अब यह ढलान की ओर चले। लिहाजा निवेशकों को मौद्रिक नीति और पूर्ण बजट तक सतर्क रुख अपनाते हुए देखो और इंतजार करो की नीति पर चलना चाहिए।
★ क्रूड निभाएगा बड़ी भूमिका
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम का कहना है कि चुनाव से बाजार में भरा जोश अब धीरे-धीरे ठंडा हो रहा है और अब यह वापस अपने पुराने कारकों की ओर लौट सकता है। क्रूड एक बार फिर इसमें बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है। भेल, गेल, इंटरग्लोब एविएशन, पीएनबी और स्पाइसजेट इस सप्ताह अपने रिजल्ट घोषित करेंगी, जिनका बाजार की धारणा पर बड़ा असर दिखाई देगा। इसके अलावा अमेरिका-चीन का व्यापार युद्ध भी घरेलू इक्विटी बाजार को गिरा सकता है।
★ विदेशी निवेशकों ने निकाले 4 हजार करोड़
विदेशी निवेशक पोटफोलियो (एफपीआई) ने मई में अब तक भारतीय शेयर बाजार से 4,375 करोड़ रुपये निकाले हैं। इसमें 2,048 करोड़ की एफपीआई इक्विटी से जबकि 2,309 करोड़ डेट बाजार से निकाले गए। यह आंकड़ा 2 मई से 24 मई के बीच का है। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में 16 हजार करोड़, मार्च में 46 हजार करोड़ और फरवरी ें 11 हजार करोड़ रुपये भारतीय इक्विटी बाजार में निवेश किए थे।