
एमपी।लोकसभा चुनाव में कई दिग्गज नेताओं की हार हुई। इनमें कांग्रेस के दिग्गज नेता और राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी गुना से हार गए। ज्योतिरादित्य ने करीब छह माह पहले कांग्रेस की 15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी कराई थी, इसलिए उनकी हार बेहद चौंकाने वाली रही। कभी उनके करीबियों में रहे कृष्णपाल यादव ने उन्हें एक लाख से अधिक वोटों से हराया। जब भाजपा ने सिंधिया के सामने केपी यादव को उतारा तो उन्हें ज्योतिरादित्य के सामने कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा था।
यहां तक कि ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शिनी सिंधिया ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए फोटो पोस्ट की थी- जो कभी महाराज के साथ सेल्फी लेने की लाइन में रहते थे, उन्हें भाजपा ने अपना प्रत्याशी चुना है। प्रियदर्शिनी का यह मजाक गुना की जनता को बेहद नागवार गुजरा और उसने उनके पति ज्योतिरादित्य की सेल्फी लेने वाले केपी यादव को प्रतिनिधि चुन लिया। गुना लोकसभा सीट से विजयराजे सिंधिया 6 बार, माधवराव सिंधिया 4 बार और ज्योतिरादित्य 4 बार चुनाव जीत चुके हैं।
पेशे से डॉक्टर केपी यादव कभी सिंधिया का चुनाव प्रबंधन करते थे। पिछले साल मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के लिए उन्होंने कांग्रेस से टिकट मांगा लेकिन सिंधिया ने रुचि नहीं ली। इसके बाद वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए। डॉ. यादव के पिता अशोकनगर में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे हैं। डॉ. केपी यादव (इनसेट) को भाजपा से टिकट मिलते ही प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने यही फोटो फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा था -जो महाराज की सेल्फी के लिए लाइन लगाते थे उन्हें मिल गया टिकट
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