वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 19 प्रतिशत दागी थे जो अब बढकर 2019 में 23 प्रतिशत, 4 प्रतिशत का इजाफा
लखनऊ।वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के सापेक्ष 15 प्रतिशत गम्भीर आपराधियों के सापेक्ष 19 प्रतिशत, 4 प्रतिशत का बढोत्तरी
17वी लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर 979 प्रत्याशियों ने चुनाव लडा जिसमें से 958 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण एडीआर के द्वारा किया गया जिसमें 220 उम्मीदवारों ने अपना आपराधिक रिकाॅर्ड घोषित किया जो 23 प्रतिशत है इनमें से 181 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक रिकाॅर्ड घोषित किया जो 19 प्रतिशत है। 358 उम्मीदवारों ने अपने को करोडपति घोषित किया जो 37 प्रतिशत है औसत सम्पत्ति प्रति उम्मीदवार 4.79 निकलकर आयी।
सतवे चरण में उत्तर प्रदेश के 13 लोकसभा क्षेत्र महाराजगंज, कुशीनगर वाराणसी गोरखपुर बांसगांव गाजीपुर सलेमपुर मिर्जापुर बलिया घोसी देवरिया चंदौली राबर्ट्सगंज ने वोट डाले जायेगे। 26 प्रतिशत आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी मैदान में है जिसमें से 22 प्रतिशत उम्मीदवार गम्भीर आपराधिक प्रवृत्ति के है सबसे ज्यादा आपराधिक मामले में अतीक अहमद पहले स्थान पर है, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड रहे है दूसरे स्थान पर अजय राय है जो कांग्रेस पार्टी की तरफ से बनारस से चुनाव लड रहे है जिनके ऊपर 8 आपराधिक मुकदमेें पंजीकृत है, तीसरे नम्बर पर अतुल कुमार सिंह जो बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर घोसी से चुनाव लड रहे है
सातवें चरण में सबसे अमीर प्रत्याशियों की सूची में पंकज चैधरी जो महाराजगंज से बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवार है जिनकी सम्पत्ति 37 करोड रूपये से अधिक है, दूसरे स्थान पर कुंवर रनजीत प्रताज नारायन सिंह है जो कुशीनगर से कांगेेंस के प्रत्याशी है जिनकी सम्पत्ति 29 करोड से अधिक है तीसरे स्थान पर अतीक अहमद है जो बनारस से निर्दलीय चुनाव लड रहे है जिनकी सम्पत्ति 25 करोड रूपये है।
सातवे चरण मेें 29 प्रतिशत उम्मीदवारो की शैक्षणिक योग्यता 5वी से 12वी के बीच है 61 प्रतिशत उम्मीदवार स्नातक है, मात्र 8 प्रतिशत महिलाओ को इस चरण में उम्मीदवार बनाया गया है।
लोकसभा चुनाव 2014 के सापेक्ष जिस तरह से 2019 में गम्भीर दागी प्रत्याशियों की संख्या में बढोत्तरी हुई है, यह बहुत ही चिंता का विषय है, इसी प्रकार से यदि आपराधियों की संख्या बढती रही, तो आने वाले समय में लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा।