लखनऊ।उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में असल में ऐसा वाक्या हुआ है. यहां एक 115 वर्ष के बुजुर्ग की मौत हो गई, लेकिन मौत के बाद जब उसे दफनाने ले गए तो वो जिंदा हो गया।किसी अपने की मौत का गम परिजनों को बहुत दुखी कर देता है, लेकिन मौत के बाद कोई फिर से जिंदा हो जाए, ये सिर्फ कहानियों में सुना जाता है. लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में असल में ऐसा वाक्या हुआ है।यहां एक 115 वर्ष के बुजुर्ग की मौत हो गई. मौत के बाद जब उन्हें दफनाने ले गए तो वो जिंदा हो गया।मामला कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील का है. यहां के ग्रामीणों का दावा है कि यहां रहने वाले 115 वर्ष के संत की सोमवार शाम मृत्यु हो गई थी. उनकी मृत्यु की खबर से पूरे गांव में शोक का माहौल था।इसके बाद लोगों ने संत की समाधि बनाने के लिए मंदिर परिसर में एक गड्ढा खोदा और इन्हें दफनाने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गईं। तभी बाबा की 4 घंटे बाद हृदय गति शुरू हो गई और बाबा जीवित हो उठे.ग्रामीणों के अनुसार ये एक चमत्कारी घटना है. हर कोई इसे चमत्कार ही मान रहा है. सबसे बड़ी बात ये है कि इनकी उम्र कोई 120 साल तो कोई 115 साल बता रहा है.बहरहाल कहानी कुछ भी हो लेकिन इतनी लंबी आयु में फिर से मरकर जिंदा होना सच में किसी चमत्कार से कम नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि बाबा का नाम नारायण बाबा है, जो 15 से 20 वर्ष पहले इस मंदिर में आये थे. लंबे समय से इन्होंने अन्न त्याग दिया है और ये महज फल ही खाते हैं।