Jind By Election Candidates List / जींद उपचुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया के बाद बारी है नतीजों की। जींद विधानसभा उपचुनाव के नतीजों का ऐलान 31 जनवरी 2019 यानि आज होगा। सोमवार को 21 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया और अब सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 31 जनवरी 2019 को होगा जब ईवीएम खोली जाएंगी और जींद विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट आएगा। इस बार जींद उपचुनाव में कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैंं। 174 मतदान केंद्रों पर सोमवार को 1 लाख 72 हज़ार 775 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। दरअसल, 2014 में हुए जींद विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के डॉ. हरिचंद मिड्ढा जीते थे लेकिन 25 अगस्त, 2018 को उनका निधन हो गया जिसके कारण ही जींद सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। लिहाज़ा अब सीट पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी हो या कांग्रेस सभी ने पूरी ताकत झोंक दी है। आइए आपको बताते हैं जींद सीट से कौन-कौन उम्मीदवार अपना भाग्य आज़मा रहा है और किसका पलड़ा कितना भारी है। यूं तो जींद की जंग मेें कुल 21 उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मां रहे हैं लेकिन कांटे की टक्कर केवल 4 उम्मीदवारों के बीच ही है। आइए जानते हैं कौन हैं वो
कांग्रेस को रणदीप सुरजेवाला से है उम्मीद
कांग्रेस ने जींद उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रवक्ता और कैथल विधानसभा सीट से विधायक रणदीप सुरजेवाला पर अपनी पूरी उम्मीद टिका रखी है। पार्टी ने उन्हे ही उम्मीदवार बनाया है और जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुरजेवाला ज़ीद की जंग में एक प्रबल दावेदार हैं इसमें कोई दो राय नहीं। उन्हे यहां निर्दलीय विधायक जयप्रकाश का समर्थन भी मिल चुका है ..जिनकी जींद की राजनीति में काफी पकड़ है। लिहाज़ा इसका फायदा रणदीप सुरजेवाला को मिल सकता है।
बीजेपी ने कृष्ण मिड्ढा को प्रत्याशी बना खेला है गैर-जाट उम्मीदवार पर दांव
इतिहास गवाह है कि जींद सीट से 1972 के बाद से किसी भी जाट उम्मीदवार को जीत नहीं मिल सकी है यहां से केवल बनिया या पंजाबी उम्मीदवार ही जीतता आया है। लिहाज़ा इस बार बीजेपी ने जींद उपचुनाव में गैर जाट उम्मीदवार का कार्ड खेलते हुए कृष्ण मिड्ढा को ही उम्मीदवार बना दिया है। कृष्ण मिड्ढा के पिता हरिचंद मिड्ढा ही इस सीट से पहले विधायक थे जिनका निधन 25 अगस्त, 2018 को हुआ और इसलिए इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं, लिहाज़ा इस सहानुभूति का फायदा भी मिड्ढा को मिल सकता है। ऐसे में मिड्ढा भी इस सीट से प्रबल दावेदार हैं।
इनेलो ने उमेद रेढू को बनाया है उम्मीदवार
बीेते 10 सालों से इनेलो के गढ़ रहे जींद से इनेलो उम्मीदवार उमेद रेढू को काफी फायदा मिल सकता है। दरअसल, जींद विधानसभा सीट के शहरी इलाकों पर जहां बीजेपी काफी मजबूत है तो वही ग्रामीण इलाकों में इनेलो का अच्छा खासा प्रभाव है उमेद रेढू खुद लोहचब गांव के हैं और इसलिए उन्हे ग्रामीण इलाकों से अच्छे वोट मिलने की पूरी उम्मीद है। जिससे रेढू मजबूर उम्मीदवार साबित हो रहे हैं।
जेजेपी से दिग्विजय चौटाला मैदान में
इनेलो से अलग होकर दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी नामक अलग पार्टी बनाई है और जींद की जंग में उन्होने दिग्विजय चौटाला को उतारा है जो युवा मतदाताओं को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं। इसका कारण है कि वो खुद युवा प्रत्याशी हैं। दरअसल, युवा मतदाताओं के बीच दिग्विजय चौटाला काफी लोकप्रिय हैं इसके अलावा जेजेपी हमेशा देवीलाल की विरासत को आगे बढ़ाने की बात करती है। हरियाणा की राजनीति में चौ. देवीलाल का क्या ओहदा ये बताने की ज़रूरत नहीं ऐसे में जींद उपचुनाव में जेजेपी को भी प्लस प्वाइंट मिल सकते है।
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