लाइफस्टाइल डेस्क. घर में इस्तेमाल होने वाले फर्नीचरों का इतिहास भी काफी दिलचस्प रहा है। काउच से लेकर क्लोद्स वैले तक की कहानी इंट्रेस्टिंग है। काउच फ्रेंच शब्द काउचर से बना है। जिसका मतलब है आराम करना। ऐसे ही दूसरे फर्नीचर का भी कहानी है। इंटीरियर एक्सपर्ट मानसी पुजारा से जानिए इनके बारे में…
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17वीं सदी से मशहूर हुए थे। फ्रेंच शब्द “काउचर’ से “काउच’ निकला है, जिसका अर्थ है-आराम करना। इसे नींद लेने के लिए डिजाइन किया गया था। अमेरिका में “काउच’ और इंग्लैंड में “सोफा’ कहा जाता है। यह अरबी शब्द “सॉफ्फा’ से बना है। अर्थ है फर्श का वो हिस्सा जिस पर कालीन और तकिए रखकर उसे आरामदायक बनाया जाता है। पर्शियन में “दीवान’ कहते हैं। “सेटी’ भी कहा जाता है। कुंवारे लड़कों से बात करने के लिए पहले “सेटी’ रखी जाती थी।
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‘वॉर्डरोब’ या ‘गार्डरोब’ फ्रेंच शब्द हैं। यह वो कमरा था जिसमें राजा-महाराजाओं के “रोब्स’ यानि ‘वस्त्र’ व उनके सोने के आभूषण और अन्य कीमती सामान की रखवाली की जाती थी। कमरे के अंदर पत्थर के खंड होते थे जिनमें कपड़े टांगे जाते थे। जेवर रखने के लिए भी जगह होती थी। धीरे-धीरे वॉर्डरोब ने अलग ही रूप ले लिया। यह एक फर्नीचर पीस की तरह बनाया जाने लगा। अब इसके अंदर रखे कपड़ों को भी वॉर्डरोब कहा जाता है।
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इसे अमेरिका के घरों में देखा जाता है लेकिन दुनियाभर में मशहूर है। डिजाइन बेहद साधारण होता है। सॉलिड सीट के पीछे स्पिंडल्स लगे हैं। 16वीं सदी से इन्हें हाथ से बनाया जा रहा है। 18वीं सदी में इन्हें स्टाइलिश माना जाने लगा। चेयर का नाम इंग्लिश शहर “विंडसर’ पर आधारित है जहां ब्रिटिश राज परिवार का विंडसर कासल है। इस कुर्सी से राजसी गौरव जुड़ा हुआ है। 1730 में यह कुर्सी अमेरिका पहुंच गई थी। अब अमेरिका का सबसे मशहूर फर्नीचर बन गई है। हालांकि इसकी डिजाइन में थोड़ा बदलाव भी किया गया है।
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आरामदायक फुटरेस्ट की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसका नाम “ऑटमैन अंपायर’ के बाद रखा था, जो 1298 से 1908 तक रहा। 18वीं सदी के आखिर में इसे ऑटमैन अंपायर से योरप लाया गया था। पहले कुशन सीट चपटी और लंबी हुआ करती थी, धीरे-धीरे यह गोल हो गई।
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आधुनिक वैले स्टैंड पर कपड़े और बैग टांगे जा सकते हैं। असल वैले पर्सनल मेल सर्वेंट की तरह थे। विक्टोरियन युग में वैले अपने मालिक के ड्रेसिंग रूम को व्यवस्थित रखते थे। देखते थे कि हाउसमेड ने साफ-सफाई की या नहीं। अपने मालिक के आने के कुछ मिनट पहले खिड़की खोल देते थे और सही तापमान सेट होते ही बंद कर देते थे। कपड़े जगह पर रखना भी उनकी जिम्मेदारी थी। यही काम अब क्लोद्स वैले करते हैं।