नॉर्थहैम्पटनशायर. दुनिया की सबसे पुरानी कार कंपनी (जो अभी चालू है) मर्सडीज ने मोटरस्पोर्ट्स सेगमेंट में अपने 125 साल पूरे कर लिए हैं। एनिवर्सिरी का जश्न मनाने के लिए मर्सडीज ने ब्रिटेन के सिल्वरस्टोन सर्किट पर खास आयोजन किया। ये वही मोटररेसिंग सर्किट है, जहां 1950 में पहली फॉर्मूला1 रेस हुई थी। सर्किट पर मर्सडीज की लगभग उन सभी कारों को उतारा गया, जो इन कभी न कभी रेसिंग में हिस्सा ले चुकी हैं। पुरानी से पुरानी और नई से नई कारें।
एफ1 रेस जीतने में मर्सडीज नंबर-4 है
इवेंट में मर्सडीज ने 3 सेगमेंट में अपनी कारें दिखाईं। पहला सेगमेंट- द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले की कारें। दूसरा- 60 के दशक की लोकप्रिय कारें। तीसरा- आधुनिक कारें।अब तक 999 एफ1 रेस हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा बार एफ1 रेस जीतने के मामले में मर्सडीज (89 जीत) चौथे स्थान पर है। 235 जीत के साथ फेरारी पहले स्थान पर है। मैक्लारेन (182) दूसरे और विलियम्स (114) तीसरे स्थान परहै।
1894 में पहली बार बिना घोड़े वाली कारों की रेस हुई
1894 से पहले घोड़ागाड़ियों की ही रेसिंग होती थी। 1894 में पहली बार बिना घोड़े वाली कारों, यानी मोटरकारों की रेस का आयोजन किया गया। इस रेस में भी मर्सडीज शामिल थी और अब इस रविवार को होने वाली चाइनीज ग्रांप्री में भी मर्सडीज की कार उतरेगी।
125 साल में सुरक्षित कॉकपिट पर खासा जोर
कॉकपिटः मर्सडीज और अन्य कारों में शुरुआती दौर में ड्राइवर के बैठने का स्थान पूरी तरह खुला हुआ और असुरक्षित था। रेस के दौरान कारों की भिड़ंत पर चोट की गुंजाइश ज्यादा रहती थी। इसके बाद ड्राइवर को कॉकपिटनुमा बैठने की जगह, बॉडी कवर करने वाली कार डिजाइन और हेड सिक्योरिटी दी गई।
स्टीयरिंग: पहले कारों में हैवी स्टीयरिंग होती थी। कोई कमांड नहीं मिलता था। अब आ रही कारों में स्टीयरिंग की जगह बटन पैनल ने ले ली है, जिस पर क्लच, मोड से लेकर फ्यूल तक के लिए बटन दिए होते हैं।
इंजन: शुरुआती कारों में 50-60 हॉर्सपावर के इंजन होते थे। इंजन इतने भारी रहते थे कि उसका असर कार की रफ्तार पर भी पड़ता था। आज की कारों में तो इंजन की जगह तेज, ताकतवर पावर यूनिट ने ले ली है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link