न्यूज डेस्क। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का एलान हो चुका है। वोटिंग सात चरणों में होगी, जिसका पहला चरण 11 अप्रैल को शुरू होगा, वहीं 19 मई तक आखिरी चरण होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी। लोकसभा में जो कैंडिडेट्स चुनाव लड़ेंगे उनकी किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM में बंद होगी। EVM पर कई बार सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में इस बार चुनाव आयोग ने इसे पहले से ज्यादा हाईटेक बनाया है। इस बार इसमें क्या खास मिलेगा और इससे जुड़ी हर बात जानिए।
क्या होती है EVM?
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) 5 मीटर लंबी केबल से जुड़ी दो यूनिट (कंट्रोल यूनिट और बैलेटिंग यूनिट) से बनी होती है। कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास होती है। जबकि बैलेटिंग यूनिट वोटिंग कम्पार्टमेंट के अंदर रखी होती है। जिससे मतदाता वोट डालते हैं।
EVM पर होगा कैंडिडेट्स का फोटो
इस बार EVM पर कैंडिडेट्स की फोटो भी लगाई जाएगी। यानी कैंडिडेट्स के चुनाव चिह्न और नाम के सामने उसकी फोटो भी रहेगी, जिससे मतदाता आसानी से वोट डाल सके। EVM में वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीन रहेगी। इसमें वोट देने के बाद मशीन से एक पर्ची निकलेगी जिससे वोट की जानकारी मिलेगी। EVM ले जाने वाले सभी वाहनों में GPS ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे इस बात का पता चल सके कि कौन सी मशीन कहां है।
> EVM में अधिकतम 3840 वोट दर्ज किए जा सकते हैं। एक मतदान केंद्र पर औसतन 1500 मतदाता ही वोट डालते हैं।
> एक EVM में 64 कैंडिडेट्स के नाम शामिल किए जा सकते हैं। वोटिंग मशीन में 16 नाम ही होते हैं। कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा होने पर मशीनों की संख्या बढ़ा दी जाती है।
> EVM में एक मिनट में सिर्फ 5 वोट ही डाले जा सकते हैं।
> EVM 6 वोल्ट की बैटरी पर चलती है। यानी इसके लिए बिजली कनेक्शन की जरूरत नहीं होती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link