वाराणसी।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी को वैश्विक मानचित्र पर लाने और भारत को आर्थिक समृद्धि और सामरिक ताकत का अहसास कराने वाले पीएम मोदी काशी आए हैं उनका हार्दिक स्वागत। काशी हम सबकी आध्यात्मिक नगरी है वैश्विक मानचित्र पर काशी को ले जाने के लिए पीएम ने जो बीड़ा उठाया। इस दौरान अनेक राष्ट्राध्यक्षों का दौरा हुआ। विकास के नए प्रतिमान बनाए हैं। पीएम ने काशी आगमन के समय कहा था मुझे मां गंगा ने बुलाया है। मुझे बाबा विश्वनाथ ने बुलाया है। सैकड़ों वर्ष से गंगा अविरलता निर्मलता के लिए तड़प रही थीं। पीएम ने इसके लिए नया आयाम दिया। कुंभ का सफल आयोजन हुआ उसमें नमामि गंगे का बडा योगदान था। आज काशी व दुनिया के अंदर भारत की संस्कृति के लिए गौरव का दिन है।
यहां लगभग तीन सौ वर्षों के बाद विश्वनाथ की सुंदरीकरण का शुभारंभ हुआ है। याद कीजिए तीन सौ वर्षों तक किसी को फुर्सत नहीं थी। आजादी के बाद भी किसी ने नहीं सुधि ली। गांधी ने भी गलियों पर टिप्पणी की थी। गंदगी को लेकर भी उन्होंने कहा था। जिस प्रकार से काशी विश्वनाथ को सोमनाथ के भांति ही आगे बढाने का काम किया है। सैकडों वर्षों से काशी ही नहीं पूरी दुनिया के सनातन हिंदू इंतजार कर रहे थे। आपके साथ पीएम संवाद करने आए हैं।
महिलाओं को महिला दिवस की बधाई। पीएम ने मातृ शक्ति को सम्मान दिया है। पीएम ने उपहारों से मिली धनराशि गुजरात की कन्याओं की शिक्षा के लिए दान कर दिया। गुजरात के सरकारी कर्मियों के कन्याओं के लिए स्वयं के सेविंग को दान दिया। पीएम ने पीएम के तौर पर मिले उपहारों की राशि से मां गंगा के नमामि गंगे मिशन को दान दिया है। हम गौरवान्वित हैं अपने नेता पर जिन्हें सियोल पीस पुरस्कार मिला उसे भी उन्होंने मां गंगा को दान कर दिया। संगम में आस्था की डुबकी लगाई और स्वच्छता कर्मियों के पैर धुलकर उनका भी सम्मान किया है। स्वयं की बचत का हिस्सा भी पीएम ने उनको दिया हो। योजनाओं के माध्यम से पीएम मोदी ने मातृ शक्ति का सम्मान किया है।
विश्वनाथ कॉरिडोर से काशी को नई पहचान मिलेगी : नरेंद्र मोदी
काशी विश्वनाथ परिसर के पास सभास्थल पर लोगों को संबोधित करने के बाद रेड जोन में मंदिर दफ्तर के पास ही भूमि पूजन कर काशी की प्राचीन वैदिक रीति से सस्वर वेद मंत्रों के बीच विधि-विधान पूर्वक पांच शिलाएं रख कर शिलान्यास किया।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. अशोक द्विवेदी के निर्देशन में दो-दो वैदिक विद्वान पूजन-अनुष्ठान के विधान पूरे कराएं तो इस दौरान 11 वैदिक विद्वानों ने मंत्रोच्चार किया। पीएम ने कॉरिडोर निर्माण का शिलापट्ट करने के साथ ही भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान मिले देवालयों को भी शीश झुकाया और नमन किया। वहीं कॉरिडोर से ही मां गंगा को भी उन्होंने नमन किया। इस लिहाज से क्षेत्र में आने वाले देवालयों की मरम्मत, रंगाई -सफाई कर फूलों से शिखर तक सजाए गए थे।
पीएम ने किया संबाेधित :
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ अन्नपूर्णा और मां गंगा की जय हो। हर हर महादेव।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कॉरिडोर उदघाटन के दौरान लोगों को संबोधित भी किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी रंगभरी एकादशी और होली मनाइए। मेरा सौभाग्य है। जिन सपनों से अरसे से संजोया था। राजनीति में नहीं था तब भी यहां आता था। कई बार आया लेकिन नजर आता कि कुछ करना चाहिए। लेकिन पता नहीं शायद भोले बाबा ने तय किया होगा कि बेटे बातें बहुत करते हो आओ यहां करके दिखाओ। आज बाबा के आदेश से सपना साकार होने का शुभारंभ हो रहा है। काशी विश्वनाथ धाम भोले बाबा के मुक्ति का पर्व है। चारों ओर दीवारों से बाबा को सांस लेने में दिक्कत थी। अगल बगल कई मकानों ने घेरा था। बाबा के भक्तों को अब विशालता की अनुभूति होगी। सरकारी मुलाजिम कई देखे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार कोई काम दे तो मुलाजिम प्रयास भी करते हैं लेकिन योगी जी ने जो टीम लगाई है वह भक्ति भाव और सेवा भाव से दिनरात काम पूरा करने के लिए लगी है। सबको साथ लेना समझाना, विरोधी और झूठ फैलाने वालों को भी समझाना। राजनीति का रंग न लगे यह भी अफसरों की टोली ने किया है। उनको अनेक अभिनंदन और धन्यवाद। मकानों के मालिकों को तैयार किया। करीब तीन सौ प्रापर्टी को जिस प्रकार सहयोग दिया। अपनी इस जगह हो छोडकर बाबा के चरणों में समर्पित कर दी। यह काम लोगों ने किया है उनका भी सांसद के रूप में आभार और अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने अपना काम मानकर पूरा किया। कितने सदियों से यह स्थान दुश्मनों के निशाने पर रहा। कितनी बार ध्वस्त हुआ अस्तित्व विहीन रहा। यह क्रम सदियों से चलता रहा। महात्मा गांधी जब आए तो उनके मन में भी पीडा रही। उन्होंने बीएचयू में भी अपनी पीडा व्यक्त की थी। उनकी बात को अब सौ साल होने जा रहे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अहिल्या देवी ने सदियों के बाद इसके पुनरुद्धार का बीडा उठाया था। तब उसे रूप मिला। अगर आप सोमनाथ जाएंगे तो सोमनाथ में भी बडी भूमिका निभाई थी। लेकिन उसको भी ढाई सौ साल बीत गए। मैं हैरान हूं जब इतने सारी इमारतों को तोडना शुरू किया तो चालीस मंदिरों को लोगों ने कब्जा कर रखा था। भोले बाबा ने चेतना जगाई। चालीस के करीब ऐसे ऐतिहासिक पुरातत्वीय मंदिर मिले जो अजूबा लगेगा कि यह काम कैसे हो गया। लोग दबाते गए आज उन मंदिरों के मुक्ति का भी नंबर आ गया। दशकों बाद इस बार शानदार शिवरात्रि मनाई गई। आप सोशल मीडिया में देखिए परिसर की तस्वीरें। एक सपना था मॉडल और फिल्म देख रहे हैं। बाबा का सीधा गंगा से संपर्क हो गया है। यह काशी विश्वनाथ महादेव भोले बाबा का स्थान है। काशी आने का मूल कारण यहां आने का उददेश्य है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मंदिरों की रक्षा कैसे हो उसकी आत्मा को बरकरार रखते हुए आधुनिक व्यवस्था हो इसका बहुत अच्छा मिलन दिख रहा है। यह पूरा परिसर के रूप में मिलेगा। यह धाम मां गंगा से जोडेगा। इससे काशी को नई पहचान मिलेगी। ढाई सौ साल बाद मेरे ही हाथ लिखी थी। मैं आया नहीं मुझे बुलाया है। मुझे बुलावा ऐसे ही कामों के लिए था। मेरा संकल्प मजबूत हुआ है। यह काशी नहीं देश से जुडा है।
बीएचयू से आग्रह है कि केस स्टडी करना चाहिए। काशी हिंदू यूनिवर्सिटी इस पर रिसर्च भी करे। ताकि दुनिया को पता चले कैसे लोगों के सहयोग से यह काम हुआ। शास्त्रों के मुताबिक कामों का पूरा पालन किया गया। ताकि आस्था पर खरोच न आए। यह नव चेतना का केंद्र बनेगा। सामाजिक चेतना का यह केंद्र बनेगा। योगी सरकार को। मुझे राज्य सरकार का सहयोग मिला होता तो हम उद्घाटन कर रहे होते। उन सुविधाओं को सरकार की वजह से पूरा करने का अवसर मिला है। हम लोगों को चालीस मंदिर मिले उनको भी उसी प्रकार संभालेंगे। उसकी भी चीजें पुरातत्व महत्व को बीएचयू भी संभाले। काशी का महत्व बढेगा। बाबा के चरणों में सिर झुकाकर नमन करता हूं। हर हर महादेव
सुबह ही पहुंचे पीएम : सुबह साढे आठ बजे पीएम नरेंद्र मोदी लाल बहादुर स्थित शास्त्री बाबतपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंच गए। यहां से उनका काफिला काशी विश्वनाथ दरबार पहुंचा। जहां उनहोंने विधि विधान से पूजा अर्चना की। ईंट व शिलापट्ट पर लिखे ‘विश्वनाथ धाम’ से तय हो गया कि श्रीकाशी विश्वनाथ के कॉरिडोर का नाम विश्वनाथ धाम होगा। भूमि पूजन व आधारशिला की तैयारियां गुरुवार शाम तक पूरी कर ली गईं।
मंदिर से गंगा की ओर से लगभग 30 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र का समतलीकरण, रंग रोगन, सफाई, फूलों से सज्जा, लाइटिंग आदि से हुई जगमग के कारण पीएम के हाथों शिलान्यास से एक दिन पहले कारिडोर क्षेत्र निखर कर सामने आ गया। इसके आकार प्रकार समेत संपूर्ण स्वरूप का लघु थ्रीडी फिल्म के जरिए एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शन भी किया गया। इसके लिए भू-पूजन स्थल पर बड़ी स्क्रीन लगाई गई। साथ ही दीवारों पर भी डिजाइन को सजाया गया।