वायुसेना की कार्रवाई में मारे गए आतंकी बताकर लोग कर रहे इन तस्वीरों को वायरल, लिख रहे- ‘सबूत मांगने वालों ये रहा सबूत’

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नेशनल डेस्क. पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में भारत की एयर स्ट्राइक के बाद से वहां मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर विपक्ष लगातार सवाल पूछ रहा है। इस बारे में सरकारी सूत्रों का कहना है कि वायुसेना की कार्रवाई में करीब 300 आतंकी मारे गए, वहीं पाकिस्तान ने किसी भी नुकसान की बात से इनकार किया था। इन सबके बीच फिलहाल सोशल मीडिया पर डेड बॉडीज की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिन्हें उन्हीं आतंकियों की बताया जा रहा है, जो पीओके में भारत की कार्रवाई के दौरान मारे गए हैं। हालांकि इस तस्वीरों की सच्चाई कुछ और है।

ये है वायरल हो रही फोटोज की सच्चाई….

– सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, उनमें ढेर सारी लाशें रखी हुई हैं, जिन्हें दफनाने की तैयारियां हो रही हैं। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए जो कैप्शन लिखा गया है, उसमें लिखा है, 'सबूत मांगने वालों ये रहा सबूत, देख लो और पहचान लो तुम्हारे बाप को।' शेयर करने वाले लोग इन्हें बालाकोट में मारे गए आतंकियों की बता रहे हैं। उनके मुताबिक ये तस्वीरें हाल ही में भारत की ओर से जैश के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद की हैं।
– हालांकि इन फोटोज की सच्चाई कुछ और है, शेयर की जा रही सभी तस्वीरें कुछ साल पुरानी हैं और बालाकोट की ना होकर कराची की हैं। दरअसल जून 2015 में पड़ी भयानक गर्मी की वजह से कराची में इतने ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी कि उन्हें सामूहिक कब्रों में दफनाना पड़ गया था।
– रमजान के दौरान कराची का तापमान 45 डिग्री के पार चला गया था, साथ ही बिजली कटौती भी लगातार हो रही थी। जिसके बाद इसी वजह से वहां इतनी ज्यादा मौतें हो गई थीं। उस दौरान हुई मौतों को अब कुछ लोग बालाकोट में एयर स्ट्राइक के दौरान मारे गए लोगों की तस्वीरें बताकर शेयर कर रहे हैं। जो कि पूरी तरह गलत है।

– बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF के काफिले पर जैश ने आत्मघाती हमला कराया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पीओके के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करते हुए जैश के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। जिसमें कई आतंकी ठिकाने ध्वस्त करते हुए सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की खबर थी।

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The old photos are viral as proof of the Indian Air Force strike on Balakot.


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