अमृतसर. दिल्ली के रहने वाले अमरजीत सिंह ने जवानी में देखे सपने को पूरा करने के लिए 58 साल की उम्र में अपने बिजनेस से रिटायरमेंट ले लिया और फिर निया देखने की चाहत 135 दिन में पूरी करके दिखाई। 30 देशों का सफर उन्होंने अपनी कार में तय किया। इस दौरान वह बीमार भी पड़े और इंडिया वापस भी आना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आखिरकार 40 हजार किलोमीटर का सफर करके ही दम लिया।
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अमरजीत ने बताया कि जब वह 20 साल के थे तो उन्हें दिल्ली के कनॉट प्लेस पर एक ट्रैवलर मिले थे, जो कि हॉलैंड से कार से अाए थे। उन्हें देखकर अमरजीत ने मन में बाइक से पूरी दुनिया घूमने की चाहत उठी, लेकिन तब उनके माता-पिता ने इजाजत नहीं दी। इसलिए वह अपने बिजनेस को संभालने लगे थे।
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इसके बाद अगले 38 साल तक उन्होंने अपने गारमेंट्स एक्सपोर्ट बिजनेस को बुलंदियों तक पहुंचाया और फिर 58 की उम्र में रिटायरमेंट ले लिया। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने सबसे पहले उन लोगों को फेसबुक के जरिए ढूंढा, जिनमें एक का नाम रॉबर्ट हालिंग्स था। फिर उन्होंने एसयूवी कार के जरिए 7 जुलाई 2018 को अपना सफर शुरू किया, जिसे उन्होंने 135 दिन में पूरा किया। हालैंड में उन लोगों से भी मिले, जिन्हें देखकर उन्होंने यह सपना देखा था।
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टर्बन ट्रेवलर को नेपाल की सड़कों ने और लंदन के ट्रैफिक के बेहद तंग किया। नेपाल में सड़कों के हालात काफी खराब है, जिससे कि उनकी गाड़ी पंक्चर हो गईं, वहीं लंदन पहुंच तक उन्हें ट्रैफिक के कारण तय समय से ज्यादा समय लगा।
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अमरजीत सिंह हाई बीपी, ब्लड शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां हैं। साथ हीवह ज्यादा देर तक एक जगह बैठ नहीं सकते। इससे उनके बाएं पैर में सूजन आ जाती है। ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। इसी के चलते जब वह मोस्को पहुंचे तो उनकी बाईं टांग सुन्नहो गई और उन्हें इंडिया वापस आना पड़ा। वह मॉस्को से रूसऔर फिर यूरोप पहुंचे, जहां एक सिख परिवार, जिनका रेस्टोरेंट था, वहां उन्होंने गाड़ी पार्क की और फ्लाइट से वापस इंडिया इलाज के लिए आए। ठीक होने के बाद एक बार फिर से वापस गए और आगे का सफर किया।