नई दिल्ली. अमेठी में इंडो-रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड के उद्घाटन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। इस पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मोदी ने फिर झूठ बोला, अमेठी की ऑर्डिनेंसफैक्ट्री का 2010 में मैंने ही उद्घाटन किया था। वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने राहुल के इस दावे को ही गलत बता दिया। उन्होंने फोटो शेयर करते हुएट्वीट किया, राहुल 2007 में शिलान्यास के वक्त मौजूद थे, लेकिन वे कह रहे हैं कि2010 में शिलान्यास किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राहुल के संसदीय क्षेत्र अमेठी के कोरवा में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का उद्घाटन किया था। आर्मी की पुरानी इंसास राइफलों को रिप्लेस करने के लिए इस ऑर्डनेंस फैक्ट्री में रूस के साथ मिलकर साढ़े 7 लाख एके-203 राइफलों का निर्माण होगा। एके-203 राइफल, एके-47 का अपग्रेड वर्जन है।
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स्मृति ने ट्वीट किया, ”फोटो को ध्यान से देखें इसमें आप 2007 के शिलान्यास में उपस्थित हैं लेकिन आज सुबह कह रहे हैं 2010 में किया। अब यह बताएँ 2007 है या 2010? होती है ऐसी गलतियांराहुल जी – आपने अमेठी के बारे में इतना झूठ बोला कि शिलान्यास कब किया और सत्यानाश कब हुआ?यह आपको याद नहीं रहता।”
फ़ोटो को ध्यान से देखें इसमें आप 2007 के शिलान्यास में उपस्थित हैं लेकिन आज सुबह कह रहे हैं 2010 में किया। अब यह बताएँ 2007 है या 2010? होती है ऐसी ग़लतियाँ राहुल जी – झूठ इतना बोला आपने अमेठी के बारे में कि शिलान्यास कब किया और सत्यानाश कब यह आपको याद नहीं रहता। @RahulGandhi pic.twitter.com/IDZyZ6kS2o
— Smriti Z Irani (@smritiirani) March 4, 2019
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प्रधानमंत्री जी,
अमेठी की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का शिलान्यास 2010 में मैंने खुद किया था।
पिछले कई सालों से वहां छोटे हथियारों का उत्पादन चल रहा है।
कल आप अमेठी गए और अपनी आदत से मजबूर होकर आपने फिर झूठ बोला।
क्या आपको बिल्कुल भी शर्म नहीं आती?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 4, 2019
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इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल को जवाब दिया। उन्होंनेट्वीट किया-
लगे हाथ आज देश को बता दें की कैसे आपने तो उस संस्थान का भी शिलान्यास किया जिसका आप ही के एक नेता ने लगभग 2 दशक पहले शिलान्यास किया था। @RahulGandhi pic.twitter.com/UpmrYU6wbI
— Smriti Z Irani (@smritiirani) March 4, 2019
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सेना, नौसेना और वायुसेना के पास अभी भारत में तैयार की गईं इंसास राइफलें हैं। अब इंसास की जगह उन्हें एके-203 से लैस किया जाएगा। पहले चरण में नई राइफलें तीनों सेनाओं को दी जाएंगी। इसके बाद अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस को भी इनसे लैस किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अगले 15 से 20 सालों में सारे बल इंडो-रशियन राइफलों से लैस हो जाएंगे। सरकार ने 10 साल पहले नई राइफलों की खरीद की योजना बनाई थी, लेकिन कोई न कोई पेंच फंसता रहा।
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रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी कंपनी से भी 72 हजार राइफलें खरीदने के लिए करार किया है। 7.69 एमएम बोर वाली 59 कैलिबर की सिगसॉर राइफलें उन जवानों को दी जाएंगी जो उग्रवाद और आतंकवाद से सीधे तौर पर जूझते हैं। सरकार का मानना है कि एलओसी पर पाक सेना से जूझने वाले और आतंकवादियों से लोहा लेने वाले सेना के जवानों के पास कारगर हथियार होने जरूरी हैं। हथियार भी ऐसे हों जो जवानों की हर जरूरत को पूरा करने में सक्षम हों।