वायुसेना ने बालाकोट में जैश के मदरसे में स्थित 4 इमारतों को निशाना बनाया, इजरायली बम गिराए

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नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को तड़के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मदरसे तलीम-उल-कुरान में बनी 4 इमारतों को निशाना बनाया था। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। सूत्रों के मुताबिक, टेक्नीकल इंटेलिजेंस की सीमाओं और जमीनी खुफिया जानकारी की कमी के चलते हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या की सही आकलन नहीं हो सकता। मिराज-2000 विमानों ने मुजफ्फराबाद, चकोटी और बालाकोट में 1000 किलो बम गिराए थे। मीडिया रिपोर्ट्स में 350 आतंकियों के मारे जाने की बात कही गई थी।

  1. सूत्रों के मुताबिक, “इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास सिंथेटिक एपरचर रडार (एसएआर) की तस्वीरें हैं। इसमें दिखाया गया है कि 4 इमारतों को निशाना बनाया गया। मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने पांच एस-2000 प्रीसीशन-गाइडेड म्यूनिशन (पीजीएम) दागे।” पीजीएम एक स्मार्ट बम होता है जो खास निशाने पर दागा जाता है।

  2. जिन इमारतों पर बम दागे गए, वह मदरसे के कैम्पस में ही स्थित थीं। मदरसा जैश द्वारा ही संचालित था। पाक ने भी यहां भारत के हमले की पुष्टि की थी। लेकिन उसने इस बात से इनकार किया था कि वहां कोई आतंकी कैम्प थे या वहां कोई बिल्डिंग गिराई गई।

  3. अफसर ने बताया, “पाक आर्मी ने हमले के बाद मदरसा सील क्यों कर दिया? पत्रकारों को वहां जाने क्यों नहीं दिया गया? रडार से मिले सबूतों से पता चलता है कि बिल्डिंग का इस्तेमाल गेस्टहाउस के तौर पर होता था। इसमें जैश सरगना मसूद अजहर का भाई रहता था। एल आकार की इस बिल्डिंग का इस्तेमाल वे लोग भी करते थे, जिन्हें आतंकी बनने की ट्रेनिंग दी जाती थी।”

  4. जानकारी के मुताबिक, “मदरसे में प्रवेश करने वाले छात्रों के लिए एक दो मंजिला इमारत का उपयोग किया जाता था। एक अन्य इमारत में अंतिम लड़ाकू प्रशिक्षण हासिल करने वाले आतंकी रहते थे, उन्हें भी बम से मारा गया था।”

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      26 फरवरी को जिस जगह पर भारतीय वायुसेना ने हमला किया था, वहां पाक सेना और पत्रकार भी गए थे।


      भारत ने बालाकोट में जहां बम गिराए थे, वहां रॉयटर्स के भी दो पत्रकार गए थे। वहां 4 बड़े गड्ढे हो गए थे और पाइन के 15 पेड़ भी गिरे थे।

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