नई दिल्ली. अबु धाबी में शुक्रवार कोइस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) कीबैठक हुई। भारतको पहली बार इसमें बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर आमंत्रित किया गया।सुषमा ने ओआईसी के मंच से पाकका नाम लिए बिनाआतंकवाद पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, किसी धर्म के खिलाफ नहीं। इससे पूरी दुनिया संकट में है।
ओआईसी केविदेश मंत्रियों की बैठक का यह 46वां सत्र है।इस्लामिक सहयोग संगठन 56 देशों का प्रभावशाली समूह है।
‘महात्मा गांधी सद्भावना का संदेश दिया’
- सुषमा स्वराज ने कहा, “2019 काफी खास है। इस साल ओआईसी अपना स्वर्ण शताब्दी वर्ष और भारत महात्मा गांधी की 150वीं जन्मशती मना रहा है। महात्मा गांधी ने शांति और सद्भावना का संदेश दिया।”
- “भारत के यूएई और गल्फ देशों के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं।”
- “आतंकवाद दुनिया के लिए खतरा बनता जा रहा है। हम सभी को इसके बारे में गंभीरता से सोचना होगा। आतंकवाद जिंदगियां खत्म कर रहा है। क्षेत्रों को अस्थिर कर रहा है। इसके चलते दुनियाभर में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है।”
- “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी एक अकेले देश के लिए नहीं है। हमें मिलकर इससे लड़ना होगा। हमारी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई है, किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। इस्लाम धर्म शांति का संदेश देता रहा है।”
- “भारतीय संस्कृति सदैव दुनिया के विभिन्न धर्म-जाति वाले मानवतावादियों को अपनाने वाली रही है। ऋग्वेद में भी कहा गया है कि ईश्वर एक है, लेकिन विद्वान पुरुष विभिन्न रूपों में उनका वर्णन करते हैं।”
- “यदि हम इंसानियता को जिंदा रखना चाहते हैं, तो हमें उन देशों को चेतावनी दे देनी चाहिए जो आंतकवादियों को पनाह देते हैं और उन्हें फंड उपलब्ध कराते हैं। उन देशों से कह देना चाहिए कि वे आतंकियों को फंड देना बंद करे और उनके ठिकानों को ध्वस्त कर खत्म करे।”
पहले दिए बयान से पलटे कुरैशी
पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार कोकहा कि भारत की विदेश मंत्री को गेस्ट ऑफ ऑनर बुलाया गया, लिहाजा वह बैठक मेंशामिल नहीं होंगे। कुरैशीने गुरुवार को कहा था,”ओआईसी हमारा घर है, इसलिए वहां जाऊंगा जरूर, लेकिन सुषमा के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।”
पाकिस्तान का समर्थक रहा ओआईसी
पाकिस्तान के कहनेपर 1969 की ओआईसी बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया था। यह बैठक मोरक्को मेंहुई थी। ओआईसी आमतौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। वह अक्सर कश्मीर मुद्दे पर इस्लामाबाद का पक्षधररहा है।
पुलवामा हमले के बाद भारत-पाक के बीच तकरार
भारत और पाकिस्तान के बीच 14 फरवरी को पुलवामा में हुए फिदायीन हमले के बाद से ही तकरार चल रही है। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। हमले की जिम्मेदारी पाक से संचालित आंतकी संगठन जैश ने ली थी। इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को जैश के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।इस हमले में करीब 350 आतंकी मारे गए। इसके अगले दिन पाकिस्तान ने भारत पर हवाई हमले किए, जिसे भारतीय वायुसेना ने नाकाम कर दिया।
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