नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में भी अब आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण मिलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को बताया कि कैबिनेट की बैठक मेंजम्मू-कश्मीर में आर्थिक आधार परआरक्षण देने के फैसलेको मंजूरी दी गई है।
जेटली ने कहाकि कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर पर दो फैसले लिए गए हैं जिसके तहत राज्य में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा, वहीं एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण भी लागू होगा।
कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल संशोधन 2019 को मंजूरी दी
जेटली ने बताया, “जम्मू-कश्मीर के संबंध में दो निर्णय किए गए हैं। आज कैबिनेट बैठक में कुछ प्रावधान लागू करने का फैसला किया गया है। यहां पर रिजर्वेशन एक्ट 2004 लागू है, इसमें जाति के आधार पर बैकवर्ड एरिया को भी आरक्षण मिला था। ये इसलिए था, क्योंकि जो लोग देश की सीमा के साथ रहते हैं, उनके जीवन में उथल-पुथल रहती है। 2004 से वो केवल लाइन ऑफ कंट्रोल के साथ रहने वाले लोगों के लिए आरक्षण था। ये ऊपरी हिस्सों में है, पर इंटरनेशनल बॉर्डर वाले लोगों के लिए ये आरक्षण नहीं था। आज उस एक्ट को एक ऑर्डिनेंस के माध्यम से अमेंड किया गया। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वालों को भी यह आरक्षण मिलेगा। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल संशोधन 2019 को मंजूरी दी।”
कैबिनेट के बड़े फैसले
- राजकोट में एक नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाया जाएगा। ये 1405 करोड़ की लागत से बनेगा और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इसे बनाएगी। एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से उत्तर-पूर्व के राज्यों में एक विकास योजना को पूरा किया जाएगा। इसके तहत राज्य और जिलों के हाईवे को बनाया जाएगा। 433.7 किलोमीटर के लिए करीब 2045 करोड़ की लागत आएगा।
- ब्रह्मपुत्र नदी पर फोर लेन ब्रिज बनाया जाएगा। 200 किलोमीटर की दूरी घटकर 19 किलोमीटर हो जाएगी। रेवाड़ी में एम्स बनाया जाएगा। 1299 करोड़ की लागत आएगी। दिल्ली के एम्स के री-डेवलपमेंट प्लान को मंजूरी दी गई है। एयर इंडिया और उसकी सब्सिडियरी और बाकी असेट्स के लिए स्पेशल पर्पस व्हीकल के अप्वाइंटमेंट को भी मंजूरी दे दी गई है।
- नई दिल्ली इंटरनेशल ऑर्बिट्रेशन सेंटर में केंद्र सरकार का करीब 31 करोड़ रु. लगा है। एक सोसायटी इसे चलाती थी। इसका फाउंडेशन स्टोन तब लगा था, जब मैं वाजपेयी सरकार में कानून मंत्री था। 1995 से अब तक 55 ऑर्बिट्रेशन किए हैं। ये सोसायटी तो रहेगी, लेकिन इसके असेट्स को सरकार गवर्न करेगी ताकि इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सके।
- उप्र के आगरा और कानपुर में मेट्रो को मंजूरी दी गई है।
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