पाक का पहला निशाना रहा जोधपुर, 1965 में गिराए थे 200 बम; लोग तब भी निडर थे और अब भी

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जोधपुर.युद्ध के दौरान पाकिस्तान की पहली नजर जोधपुर पर ही रहती है। इसके चलते ही पाकिस्तानी एयरफोर्स ने 1965 और 1971, दोनों बार यहां बम गिराए, लेकिन तब भी शहरवासी खौफजदा नहीं हुए। बम गिरने के बाद मौके पर मदद करने पहुंच जाते थे।

1965 के युद्ध में 200 से अधिक बम गिरे थे

शहर के सीनियर सिटीजन बताते हैं कि 1965 के युद्ध में शहर में 200 से अधिक बम गिरने के बावजूद लोग डटे रहे तो 1971 के युद्ध में भी दो जगह बम गिरे थे। दोनों ही युद्ध के समय हमारे एयरबेस पर ट्रेनिंग स्कूल थे और उस समय पाकिस्तान शहरवासियों के जज्बे और जोश को नहीं डिगा पाया था तो अब तो जोधपुर सुपर पावर है और सबसे ताकतवर एयरबेस बन चुका है। यहां से उड़ने वाले सुपरसोनिक सुखोई 30 एमकेआई जैसे फाइटर से जोधपुर ही नहीं, पूरे पश्चिमी क्षेत्र की हवाई सुरक्षा अभेद बनी हुई है। ऐसे में अब डर कैसा।

गंगानगर से लेकर रण ऑफ कच्छ तक चौकसी

पश्चिमी सीमा से सटे क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए तैनात सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। जोधपुर, उत्तरलाई, जैसलमेर, नाल, फलौदी सहित सभी एयरबेस से लगातार विमानों से पेट्रोलिंग हो रही है। सुखोई से घातक हथियारों के साथ पूरी सीमा की गंगानगर से लेकर रण ऑफ कच्छ तक चौकसी की जा रही है। शहरों में एयर डिफेंस सिस्टम को भी एक्टिव कर लिया गया है। यानी यदि पाकिस्तान का कोई विमान हमारी सीमा में घुस आएगा तो उसे हवा में ही मार गिरने वाली मिसाइलों को भी अलर्ट कर दिया गया है। बॉर्डर पर बीएसएफ के जवान पूरी तरह मुस्तैद हैं। पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई हैं। थल सेना पूरी तरह से अलर्ट हैं। बैकअप के लिए बैरक से अतिरिक्त जवानों को बाहर निकाला गया है।

1965 में सरदारपुरा डी रोड पर खोदी थी खाई
भारत व पाकिस्तान के बीच 1965 में हुई लड़ाई के दौरान भी जोधपुर के लोगों ने तैयारियां की थीं। युद्ध के दौरान सेना की गाड़ियों को सरहद तक पहुंचाने वाले रेलवे के सेवानिवृत्त गार्ड बाघसिंह चौधरी (89) परिवार के साथ सरदारपुरा डी रोड पर रहते थे। वे बताते हैं कि रात में हमले का अंदेशा रहता था। ऐसे में सरदारपुरा डी रोड व बखतसागर के बीच हमने खाई खोद दी थी। दिनभर के काम के बाद रात होते ही उसमें चले जाते थे। घरों में महीनेभर के खाने-पीने की सामग्री जुटा ली थी, जो रिश्तेदार अलग रहते थे, वे भी साथ हो गए थे, ताकि मिलकर हालात का मुकाबला कर सकें। 1971 की लड़ाई हुई तो वे पैसेंजर ट्रेन चला रहे थे। परिवार वालों को उनकी चिंता रहती थी। रेलवे कंट्रोल को फोन कर बात करते थे लेकिन रेलवे यह नहीं बताती थी कि वे उस समय वे कहां ड्यूटी कर रहे हैं।

सरदार क्लब में गिरा था बम, फटा नहीं
पूर्व राजघराने के दलीपसिंह (82 वर्ष) बताते हैं कि जोधपुर में पाकिस्तानी एयरफोर्स ने 200 से ज्यादा बम गिराए थे। गोल्फ कोर्स में गिरा बम फट गया, लेकिन सरदार क्लब की बिल्डिंग के पास गिरा बम नहीं फटा। बिल्डिंग में जाल के पेड़ के पास बम पड़ा था। उजाला होते ही पहुंचे लोगों की नजर उस पर पड़ी। मैं भी ब्लैक एंड व्हाइट कैमरा लेकर पहुंच गया। फोटो शूट किया। बम जिंदा होने के कारण आसपास के इलाके को खाली करवा दिया था। बाद में सेना ने बम नष्ट किया। इस दौरान हुए ब्लास्ट से क्लब की किचन का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। जमीन में गड्ढा हो गया। तब एयर स्ट्राइक के चलते में रात में शहर के बाहर खोदी गई खाइयों में रात बिताते थे।

सूर्यास्त से पहले खाना खा लेते थे
चांदपोल के मिश्रीलाल बोहरा बताते हैं,भारत-पाकिस्तान के युद्ध के समय 51-52 साल का था। घड़ियों की दुकान थी। उस समय सूरज डूबने के बाद बिजली जलाने पर पाबंदी थी। हालांकि पहले इतने बिजली कनेक्शन नहीं थे। लोग चिमनी व तेल की दीपक जलाते थे। सायरन बजता तो घर में जल रही चिमनी भी बूझा लेते थे। कोई चिमनी जलाता तो गश्त करने वाले उसे बंद करवा देते। पूरा परिवार सूरज डूबने से पहले ही खाना पकाकर खा लेता था।

थार एक्स. में इस बार सिर्फ 43 टिकट बुक

ताजा हालातों का असर भारत और पाकिस्तान के बीच हर शुक्रवार को भगत की कोठी से चलने वाली थार एक्सप्रेस पर भी दिख रहा है। भारत व पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात के चलते बुधवार शाम तक महज 43 यात्रियों ने इसमें टिकट बुक करवाए थे। इस बीच, इस ट्रेन के भी रद्द होने की आशंका के मद्देनजर यात्री पूछताछ कर रहे हैं। गत शुक्रवार को इस ट्रेन से 65 भारतीय पाकिस्तान गए थे, वहीं 257 पाकिस्तानी लौटे थे। ताजा घटनाक्रम के चलते शहर में हाई अलर्ट के चलते भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने इस स्टेशन पर मोर्चा संभाल लिया है। यहां से हर शुक्रवार रात मुनाबाव-खोखरापार के रास्ते भारत व पाकिस्तान को जोड़ने वाली थार एक्सप्रेस चलती है।

संभाग के प्रमुख स्थलों की सुरक्षा कड़ी
संभागीय आयुक्त ललित कुमार गुप्ता ने बुधवार को संभाग के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की बैठक कर आपसी तालमेल से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। आईजी जोधपुर रेंज सचिन मित्तल, कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, बाड़मेर कलेक्टर हिमांशु गुप्ता, जालोर कलेक्टर महेंद्र सोनी, जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता, एसपी जोधपुर ग्रामीण राहुल बारहठ और जालौर, बाड़मेर, जैसलमेर, सिरोही व पाली एसपी से जिलावार कानून व्यवस्था की जानकारी ली। इस दौरान कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के साथ ही जैसलमेर व जोधपुर जिले में स्थापित सोलर पार्को, विंड मिल्स की सुरक्षा को लेकर भी बातचीत की। दूसरे सत्र में विभागों के कार्यों की समीक्षा की।

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जोधपुर में भगत की कोठी स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


Jodhpur air safety Impermeable because of Supersonic Sukhoi

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