नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान सीमा में घुसकर बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैम्पों तबाह कर दिया। इस हमले में 350 से ज्यादा आतंकी मारे गए। 200 घंटे तक योजना बनाने के बाद वायुसेना ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। विमानों के उड़ान भरने से लेकर उनके सुरक्षित लौटने तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार इस ऑपरेशन पर अपनी नजर बनाए रखी। उन्होंने 4.30 बजे ऑपरेशन में शामिल पायलट्स को बधाई दी। इसके बाद वे अपनी दिनचर्या में व्यस्त हो गए।उन्होंने सुबह 10 बजे केबिनेट की बैठक ली।
बालाकोट एजेंसियों के राडार पर था
सूत्रों ने बताया कि सरकार को पुलवामा हमले (14 फरवरी) के दो दिन बाद ही इंटेलिजेंस एजेंसियों से यह सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद, देश में ऐसा ही एक दूसरा हमला करने की योजना बना रहा है। इसके बाद से ही बालाकोट, एजेंसियों के राडार पर था, क्योंकि इसे जैश का गढ़ माना जाता है। एजेंसियों को पूरा भरोसा था कि पुलवामा हमले की योजना बालाकोट में ही बनी थी। इस कैंम्पको जैश प्रमुख मसूद अजहर और उसका साला युसूफ अजहर लीड करता था।
बदला लेने का एकमात्र जरिया थी एयर स्ट्राइक
हमले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता मेंहाईप्रोफाइल मीटिंग हुई थी। इसमेंगृह मंत्री राजनाथ सिंह, सुरक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, अजीत डाेभाल, एयर चीफ मार्शल बीरेंदर सिंह धनोआ मौजूद थे। इसमें तय किया गया कि सुरक्षा बलों के जवानों की मौत का बदला लेने का एकमात्र जरिया एयर स्ट्राइक ही है। इसी के जरिए जैश-ए-मोहम्मद के कैम्पोंको नष्ट किया जा सकता है।
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