नई दिल्ली. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन सऊद अपने 30 घंटे के भारत प्रवास के दौरान कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। वे मंगलवार रात को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनकी अगवानी की।क्राउन प्रिंस के संक्षिप्त दौरे में दोनों देशों के बीच सुरक्षा, सहयोग और नौसैनिक अभ्यास जैसे मामलों पर चर्चा होगी।
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उनका यह दौरा पुलवामा हमले के पांच दिन बाद हो रहा है। मोदी उनके सामने आतंकवाद का मुद्दा भी उठा सकते हैं। प्रिंस खुद भी दोनों देशों के बीच के तनाव को कम करने के लिए पहल कर सकते हैं।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि प्रिंस के इस दौरे के वक्त दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इनमें निवेश, पर्यटन, हाऊसिंग, सूचना और प्रसारण जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
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सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ 20 अरब डॉलर (करीब 1 लाख 43 हजार करोड़ रुपए) की डील की है। सऊदी अरब पाकिस्तान को पहले से ही छह बिलियन डॉलर (करीब 43 हजार करोड़ रुपए) का कर्ज दे चुका है।
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पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ क्राउन प्रिंस ने जो संयुक्त वक्तव्य जारी किया, उसमें उन्होंने भारत-पाक को संवेदनशील मुद्दों पर आपस में वार्ता करने का सुझाव दिया था।
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क्राउन प्रिंस के दौरे से पहले सऊदी अरब के विदेश मंत्री एडल-अल-जुबैर ने कहा कि प्रिंस भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिश करेंगे।पुलवामा हमले के बाद यह अपने चरम पर है।
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मोदी और क्राउन प्रिंस के बीच डेलीगेशन लेवल की बातचीत होनी है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सऊदी अरब, कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान की बात स्वीकार नहीं कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों के मामले को भारत पुरजोर तरीके से उठाएगा।
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सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी पार्टनर है। 2017-18 के दौरान दोनों देशों के बीच 1.95 लाख करोड़ का सालाना कारोबार हो रहा था। सऊदी अरब भारत की कुल जरूरत का 17 फीसद कच्चा तेल और 32 फीसद एलपीजी मुहैया करा रहा है।
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एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि भारत में 30 घंटे के प्रवास के बाद प्रिंस सलमान चीन के दौरे पर जा सकते हैं। प्रिंस के पहले पाक, फिर भारत और उसके बाद चीन के दौरे रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।