जोधपुर/ दिल्ली. चंदा मामा दूर के ये कविता मंगलवार रात को एक रातके लिए उलटी हो गई, क्योंकिचांदपृथ्वी के करीब 49402 किमी पास आ गया था।खगोलीय भाषा में इसे सुपर स्नो मून या हंगर मून भीकहा जाता है।मंगलवार रात का चांद इस साल पृथ्वी के सबसे करीब यानी 356846 किमीआ गया।इस दौरान यहरोज के मुकाबले 14% ज्यादा बड़ा दिखा। चमक भी रोजाना से करीब 30% ज्यादा रही।
नासा के मुताबिक, फुल मून सुबह 10:54 बजे था, हालांकि यह दिन के वक्त होने के कारण नजर नहीं आया। जोधपुर समेत भारत में इसे रात 9:24 बजे देखा गया। इसे नंगी आंखों से भी देखा गया।
इसलिए कहते हैं सुपर स्नो मून
- अमेरिकी और यूरोपीय लोगों ने सबसे पहले सुपर स्नो मून शब्द का इस्तेमाल किया था। दरअसल, इसे फरवरी में यहां पड़ने वाली बर्फ से जोड़ा गया। यानी फरवरी के महीने में जब भी फुल मून दिखता है, तो इसे सुपर स्नो मून कहा जाता है।
- दरअसल, इन सर्दियों में अमेरिका-यूरोप में खाद्य पदार्थों की उपलब्धता कम होती है। इसलिए इसे सुपर हंगर मून भी कहा जाने लगा।
20 मार्च को दिखेगा सुपर मून
- अगला सुपर मून इसी 20 मार्च को दिखेगा। इस दौरान यह पृथ्वी से 360772 किमी दूर होगा। हालांकि, यह तब भी 19 फरवरी को दिखे सुपर स्नो मून से 3926 किमी दूर होगा। इससे पहले इसी जनवरी में सुपर ब्लड मून दिखा था। इसमें चांद अपनी कलाएं बदलते हुए एक समय रक्तिम लाल हो गया था।
- नासा के मुताबिक, अगला सुपरमून 7 साल बाद यानी 2026 में दिखाई देगा। इससे पहले ऐसी स्थिति 14 नवंबर 2016 को बनी थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link