नेशनल डेस्क. पुलवामा आतंकी हमले में संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है। इस आतंकी संगठन का सरगना मसूद अजहर आज पाकिस्तान में छिपा हुआ है। मसूद अजहर 1999 में प्लेन हाइजैक के बदले छोड़ा गया था, जिसके बाद से वो भारत की पहुंच से दूर हो गया। मसूद अजहर को करीब से जानने वाले खुफिया एजेंसी के पूर्व अफसर ने उसके बारे में कई चौंकाने वाली बताई हैं। उन्होंने बताया कि मसूद बेहद डरपोक किस्म का शख्स है और उसने सिर्फ एक थप्पड़ में ही कई जानकारियां उगल दी थीं।
गाल पर थप्पड़ पड़ते ही बोलना शुरू हो गया
– कभी कश्मीर में रहे सिक्किम के पूर्व पुलिस महानिदेशक अविनाम मोहनाने के मुताबिक, मसूद अजहर को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से फरवरी 1994 में अरेस्ट किया गया था। वो पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते से होता हुआ भारत में घुसा था।
– मोहनाने ने बताया कि मसूद अजहर से जानकारी उगलवाना बेहद आसान था। एक जवान ने उसके गाल पर जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया, जिसके बाद वो लगातार खुफिया जानकारी उगलने लगा। वो हर बात को पूरे विस्तार से बता रहा था।
बिना मार-पिटाई के ही सहमा रहता था मसूद
– आईपीएस अफसर के मुताबिक, मसूद को कोट बलवाल जेल में रखा गया था। जहां उन्होंने कई मौकों पर उससे मुलाकात की थी। हिरासत में मसूद ने पाकिस्तान में आतंकियों को कैसे भर्ती किया जाता है अैर उनके समूहों की सीक्रेट जानकारी दी थी।
– उन्होंने बताया कि कई घंटों तक उससे पूछताछ चलती रहती थी। उस पर जरा भी बल प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ती थी। उसने अफगानी आतंकियों के कश्मीर घाटी भेजे जाने की अहम सीक्रेट भी शेयर किए थे। उस समय मसूद अजहर 'हरकत उल अंसार' का सरगना था।
पत्रकार बनकर किया था कई देशों का दौरा
– मसूद ने 1993 में कराची से छपने वाले एक अखबार 'सदा ए मुजाहिद' के पत्रकार के तौर पर पाकिस्तान के दूसरे पत्रकारों के साथ कई देशों की यात्रा की थी। यहं उसने कश्मीर के लिए समर्थन मांगा था।
– उसने दावा किया था कि पाकिस्तान और आईएसअाई उसे ज्यादा भारत के हिरासत में नहीं रखने देगी। उसे वो जल्द ही छुड़वा लेंगे। ये दावा उस वक्त सच निकला, जब उसे कंधार विमान अपहरण के बदले भारत को उसे छोड़ना पड़ा था।
– फरवरी 1994 में उसकी गिरफ्तारी के 10 महीने बाद दिल्ली में कुछ विदेशी नागरिकों का अपहरण हो गया था। अपहर्ताओं ने उसे रिहा करने की मांग की थी। उमर शेख की गिरफ्तारी के कारण यह योजना विफल हो गई जिसे 1999 में विमान अपहरण के बदले रिहा किया गया था।
– 1999 में रिहा किए जाने के बाद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और भारत में कई भीषण हमलों का षड्यंत्र रचा। जिन हमलों की उसने साजिश रची, उसमें संसद पर हमला, पठानकोट वायुसेना के अड्डे पर हमला, जम्मू और उरी में सेना के शिविरों पर हमले और पुलवामा में चार दिन पहले सीआरपीएफ के काफिले पर किया गया हमला शामिल है।
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