लाइफस्टाइल डेस्क. जापान में इन दिनों एक अनोखानूडल चैलेंज चल रहा है। जिसमें खासतौर पर लड़कों को मर्दांनगी साबित करने के लिए नूडल के 100 कटोरे खाने पड़ते हैं। जिन्हें बार-बार मजाकिया तौर पर उकसाया जाता है। सोशल मीडिया पर यह काफी वायरल हो रहा है। इस नूडल को वेंको साेबा कहते हैं। जापान के कई रेस्तरां में यह चैलेंज आयोजित किया जा रहा है। जापान के हनामाकी, इवाते प्रीफ़ेक्चर में मेहमान को पेट भरने तक नूडल खिलाने की परंपरा समय के साथ चैलेंज में हो गई है।
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यह एक तरह का नूडल है। जिसकी शुरुआत जापान के इवाते प्रीफ़ेक्चर से हुई थी। चैलेंज के दौरान छोटे-छोटे बाउल में एक इंसान नूडल्स देता जाता है और इसमें भाग लेने वाले इंसान को तेजी से इसे खाना होता है। चैलेंज के दौरान प्रतिभागी को सब्जियां, फल, एग रोल समेत और भी कई चीजें खानी पड़ती हैं ताकि चैलेंज काे पूरा करना मुश्किल हो जाए। हालांकि रेस्तरांमालिकों का कहना है कि नूडल का स्वाद बदलने के लिए ऐसा करते हैं। वर्तमान में 601 बाउल नूडल खाने का रिकॉर्ड तचिबाना के नाम है।
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महिला और स्टूडेंट्स को 80 कटाेरे और लड़कों को 100 बाउल नूडल्स खाने पर ही विजेता घोषित किया जाता है। टार्गेट पूरा करने वाले प्रतिभागी को पुरस्कार भी दिया जाता है। प्रतियोगिता के दौरान रेस्तरा का तापमान गर्म रखा जाता है और इंटीरियर लकड़ी से बना होता है। 4 लाेगों के ग्रुप में करीब 1700 रुपए का खर्च आता है। लोग यहां अपने दोस्तों के साथ आते हैं और चैलेंज जीतने के लिए शर्त लगाते हैं।
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- जापानी रेस्तरां अजूमया सोबा के मालिक बताते हैं कि इस चैलेंज की शुरुआत इवाते प्रीफ़ेक्चर से 1600 में हुई थी। यहां ऊंचे पहाड़ होने के कारण किसान सोबा (एक प्रकार का अनाज) अधिक उगाते थे जिससे नूडल बनाया जाता था। इसलिए इसका नाम सोबा नूडल पड़ा।
- इवाते टूरिज्म से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, जब भगवान हनामाकी की जमीन पर उतरे थे तो स्थानीय लोगों ने उन्हें एक छोटे से कटोरे में नूडल खिलाया था। नूडल काफी स्वादिष्ट होने के कारण उन्होंने दोबारा इसे खाने के लिए मांगा था। यहां से छोटे-छोटे कटोरों में सोबा नूडल खिलाने की परंपरा शुरू हुई। मेहमानों को तब तक खिलाया जाता है जब तक उसका पेट न भर जाए।
- धीरे-धीरे इसकी शुरुआत दूसरे देशों में हुई और लोग वेंको सोबा नूडल चैलेंज के रूप में इसे एंजॉय करने लगे। यह प्रतियोगिता साल में दो बार आयोजित की जाती है।