अलगाववादियों की सुरक्षा पर सालाना 10 करोड़ रुपए सरकारी खर्च

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दिल्ली (मुकेश कौशिक/अमित निरंजन) .कश्मीर में भले ही आतंकवाद लगातार बढ़ रहा हो, लेकिन यहां के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर सरकार सालाना करीब 10 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। एक आरटीआई में यह बात सामने आई है कि इनकी सुरक्षा और सुविधाओं पर खर्च राज्य सरकार करती है। ये चुनिंदा अलगाववादी महंगी गाड़ियों में घूम रहे हैं और फाइव स्टार श्रेणी के अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।

इनकी सुविधाओं के बारे में दैनिक भास्कर ने मिलिट्री आॅपरेशंस के महानिदेशक रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया से पूछा तो उन्होंने पलटकर सवाल किया कि यह पूछिए कि क्या सुविधा नहीं दी जा रही, तो बताना ज्यादा आसान होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में एक अलगाववादी नेता पर 20 से लेकर 25 सुरक्षाकर्मी दिनरात अलर्ट रहते हैं। पाकिस्तान से जो फंड आ रहा है उसका हिसाब तो इस्लामाबाद ही दे सकता है, लेकिन इन अलगाववादियों को टैक्स पेयर्स की जेब से सुरक्षा देना समझ से परे है। ये तो आस्तीन में सांप पालने जैसा है।

पूर्व में एक आतंकी गिरोेह से ताल्लुक रखने वाले तारिक, जिसने 2016 में आत्मसमर्पण कर दिया था, ने बताया कि अलगाववादी जमीन ज्यादा खरीदते हैं। क्योंकि यह प्रॉपर्टी आसानी से पकड़ में नहीं आती है। ये लोग अपने रिश्तेदारों के नाम से ये प्रॉपर्टी खरीदते हैं। कई लोग इस पर होटल या घर का पक्का निर्माण नहीं करवाते। इनमें सेब और अखरोट जैसे फलों की खेती करवाते हैं ताकि प्रॉपर्टी सुरक्षित रहे। हर साल घाटी में करीब 20 प्रतिशत की दर से प्रॉपर्टी के रेट बढ़ते हैं। इस तरह ये जमीनों से मोटा मुनाफा कमाते हैं।

भारी सुरक्षा मीर वाइज की सुरक्षा पर 5 करोड़ :पिछले वर्ष फरवरी में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर सालाना 10.88 करोड़ रुपए खर्च किए गए। यह राज्य में कई तरह की वीवीआईपी सुरक्षा पर खर्च होने वाले बजट का करीब 10% है। मीर वाइज उमर फारुख की सुरक्षा सबसे मजबूत है। उसकी सुरक्षा में डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं। उसके सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर पिछले एक दशक में 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं।

जिन अलगाववादियों को सुरक्षा कवच मिला हुआ है उनमें सज्जाद लोन, बिलाल लोन और उनकी बहन शबनम, आगा हसन, अब्दुल गनी बट्‌ट और मौलाना अब्बास अंसारी प्रमुख हैं। हुर्रियत नेता बट्‌ट की सुरक्षा पर एक दशक में करीब ढाई करोड़ खर्च हुए हैं जबकि अब्बास अंसारी पर 3 करोड़ रुपए। राज्य में 25 लोगों को जेड प्लस सुरक्षा है। इसके अलावा करीब 1200 लोगों के पास अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा है।

अकूत संपत्ति स्कूल, होटल, मकान-प्लाॅट सब :यासीन मलिक 1990 के आसपास रेहड़ी चलाकर गुजारा चलाता था। आज वह श्रीनगर के सबसे महंगे बाजार लालचौक इलाके की दो तिहाई से भी ज्यादा संपत्ति का मालिक है। इसकी कीमत डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा है। यहां रेजीडेंसी होटल भी इसी का है। इसकी कीमत 20 से 40 करोड़ रुपए तक है।

यासीन मलिक

शब्बीर शाह का पहलगाम में होटल है, जिसकी कीमत तीन से पांच करोड़ के आसपास है। नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी ने डोजियर में हर अलगाववादी नेता की प्रॉपर्टी को दर्ज किया है। इसके अनुसार हुर्रियत नेता शब्बीर शाह के पास सबसे अधिक करीब 19 प्रॉपर्टीज हैं।

शब्बीर शाह

इनमें होटल, प्लॉट, दुकानें आदि शामिल हैं। दूसरा नंबर सैयद अली शाह गिलानी का है। इसकी अधिकांश संपत्ति इसके दो बेटों के नाम है। इसमें प्लॉट, स्कूल, मकान आदि हैं। टॉप 20 अलगाववादी नेताओं के पास करीब 200 प्रॉपर्टीज (बेनामी भी) हैं।

जीवन स्तर घर में लकड़ी का महंगा काम :सैयद अली शाह गिलानी के घर पर आधा दर्जन से ज्यादा नौकर हैं। जब ये इलाज के लिए दिल्ली जाता है तो गाड़ियों का खर्च राज्य सरकार उठाती है। और फाइव स्टार स्तर के अस्पताल में इलाज चलता है। इलाज का खर्च ये खुद करते हैं। इसी तरह मीर वाइज की काफी लग्जरी लाइफ है।

सैयद अली शाह गिलानी

इसका स्टाफ टेक्नोलॉजी फ्रेंडली है। इसके पास आईपैड से लेकर आईफोन तक हैं। इसके स्टाफ में करीब डेढ़ दर्जन कश्मीरी युवक हैं, जो सोशल मीडिया से लेकर इसके धंधे का हिसाब रखते हैं। घर बहुत आलीशान है। घर के चारों ओर सीसीटीवी लगे हैं। घर की बाहरी बाउंड्री की ऊंचाई करीब 15 फीट है। इसके घर में जो फर्नीचर है वो अखरोट की लकड़ी से बना है जो आम लकड़ी के हिसाब से लगभग दोगुना महंगा होता है। पूरे घर में वुडन फर्श है। हर कमरे की छत पर कश्मीरी नक्काशी है। ऐसे ही अालीशान घर लगभग हर अलगाववादी नेता के हैं।

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Govt expenditure on security of separatists annually Rs 10 crores

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