पाक से आयात होने वाली वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी 200% बढ़ी, भारत ने छीना था एमएफएन का दर्जा

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नई दिल्ली. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया। भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाली वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी तत्काल प्रभाव से 200% बढ़ा दी है। पुलवामा में गुरुवार को हुए इस फियादीन हमले में 40 जवान शहीद हुए। हमले के बाद शुक्रवार को कैबिनेट की सुरक्षा संबंधी समिति की बैठक हुई थी। इसमें एमएफएन वापस लेने का फैसला लिया गया था।

क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा?
मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सबसे ज्यादा तरजीही वाला देश। विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है। जिस देश को यह यह दर्जा मिलता है, उसे आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। भारत ने 1996 में पाकिस्‍तान को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। 2016 में सिंधु जल समझौता खत्म करने के समय और उड़ी हमले के बाद भी भारत ने पाक से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के संकेत दिए थे। हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने इसे जारी रखा था। पाक ने कभी भी भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया।

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इसके क्या फायदे ?
इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जा प्राप्त देश से कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंदा फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज का कारोबार होता है।

एमएफएन का दर्जा छिनने से पाक को कितना नुकसान?
एमएफएन का दर्जा छीनने के बाद भारत पाकिस्तानी आयात पर किसी भी सीमा तक शुल्क बढ़ा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो एमएफएन दर्जा छिनने से पाक को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच 2017-18 के दौरान 2.412 बिलियन डॉलर (करीब 17 हजार करोड़ रुपए) का कारोबार हुआ था। इसमें भारत से होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी 1.924 बिलियन डॉलर है, जबकि पाकिस्तान से सिर्फ 0.488 बिलियन डॉलर का ही आयात होता है। 2016-17 में भारत की ओर से पाकिस्तान को 1.8218 बिलियन डॉलर, जबकि पाक की तरफ से सिर्फ 0.454 बिलियन डॉलर का ही निर्यात किया गया था।

कब वापस लिया जा सकता है दर्जा?
डब्ल्यूटीओ के अनुच्छेद 21 बी के तहत कोई भी देश किसी देश को दिया एमएफएन का दर्जा तब वापस ले सकता है, जब उन दोनों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर विवाद हो। हालांकि नियम के मुताबिक, किसी भी देश से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के लिए सारी शर्तें पूरी करनी होती हैं।

कैसे हुआ हमला?
जैश के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो ने दोपहर 3:15 बजे यह फिदायीन हमला किया। उसने एक गाड़ी में विस्फोटक भर रखे थे। जैसे ही सीआरपीएफ का काफिला लेथपोरा से गुजरा, आतंकी ने रॉन्ग साइड से आकर अपनी गाड़ी जवानों से भरी बस से टकरा दी। जिस बस को हमले के लिए निशाना बनाया गया, वह 76वीं बटालियन की थी। बताया जा रहा है कि आदिल ने एक गाड़ी में 100 किलोग्राम विस्फोटक भर रखा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि आतंकी के पास 350 किलो विस्फोटक था। पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था।

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फाइल फोटो।

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